Fixed Deposit Interest Rate – अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि 31 मार्च 2025 के बाद ब्याज दरें बढ़ेंगी या नहीं। बहुत से लोग इसी सवाल को लेकर कंफ्यूज हैं और समझना चाहते हैं कि आगे एफडी में निवेश करना सही रहेगा या नहीं। इसका जवाब सीधा नहीं है क्योंकि यह कई आर्थिक फैक्टर्स पर निर्भर करता है।
ब्याज दरें बढ़ेंगी या घटेंगी
फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरें बढ़ेंगी या नहीं, यह भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई की मौद्रिक नीति, महंगाई दर और आर्थिक हालात पर निर्भर करेगा। कई बार ब्याज दरों को स्थिर भी रखा जाता है, ताकि बाजार संतुलित रहे।
ब्याज दरें कब बढ़ सकती हैं
- अगर महंगाई दर ज्यादा रहती है तो आरबीआई ब्याज दरें बढ़ाने पर मजबूर हो सकता है।
- अमेरिका और अन्य वैश्विक बाजारों में ब्याज दरें ऊंची बनी रहती हैं तो भारत में भी ब्याज दरें स्थिर या बढ़ सकती हैं।
- आर्थिक मंदी के समय बैंकों को ज्यादा निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ब्याज दरें बढ़ानी पड़ सकती हैं।
ब्याज दरें कब स्थिर रहेंगी
- अगर आरबीआई की रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होता है तो ब्याज दरें भी स्थिर रह सकती हैं।
- महंगाई दर सामान्य बनी रहती है और सरकार का ध्यान विकास योजनाओं पर रहता है तो ब्याज दरों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिलेगा।
ब्याज दरें कब कम हो सकती हैं
- अगर महंगाई दर नियंत्रण में आ जाती है तो आरबीआई ब्याज दरें कम कर सकता है।
- सरकार अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए सस्ते लोन उपलब्ध कराने की कोशिश कर सकती है, जिससे एफडी पर ब्याज दरें घट सकती हैं।
अभी किन बैंकों में मिल रहा है ज्यादा ब्याज
फिलहाल कुछ बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने स्पेशल एफडी स्कीम्स लॉन्च की हैं, जिनमें 7 प्रतिशत से 8 प्रतिशत तक की ब्याज दरें मिल रही हैं।
- भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अमृत वृष्टि एफडी स्कीम में 444 दिनों के लिए 7.25 प्रतिशत ब्याज दर मिल रही है, जबकि वरिष्ठ नागरिकों को 7.75 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है।
- इंडियन बैंक की आईएनडी सुपर 400 डेज स्कीम में सुपर वरिष्ठ नागरिकों को 8.05 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है।
अगर आप ज्यादा ब्याज दर का फायदा लेना चाहते हैं, तो इन स्पेशल एफडी स्कीम्स पर ध्यान देना सही रहेगा।
एफडी में निवेश क्यों जरूरी है
अगर आप अपने पैसों को सुरक्षित रखना चाहते हैं और बिना किसी जोखिम के अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं, तो एफडी अभी भी एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें निवेश करने के कुछ बड़े फायदे हैं:
- सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न – इसमें बाजार जोखिम नहीं होता और आपको फिक्स्ड रिटर्न मिलता है।
- लिक्विडिटी का लाभ – जरूरत पड़ने पर एफडी को तुड़वाकर पैसे निकाले जा सकते हैं।
- टैक्स सेविंग ऑप्शन – पांच साल की लॉक-इन पीरियड वाली एफडी पर धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स छूट मिलती है।
- एफडी पर लोन सुविधा – जरूरत पड़ने पर एफडी के बदले बैंक से 90 प्रतिशत तक लोन लिया जा सकता है।
- लचीलापन – एफडी को 7 दिन से लेकर 10 साल तक की अवधि के लिए कराया जा सकता है।
लॉन्ग टर्म बनाम शॉर्ट टर्म एफडी कौन-सी सही रहेगी
अब सवाल यह आता है कि कौन-सी एफडी ज्यादा फायदेमंद रहेगी – शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म। यह पूरी तरह आपकी जरूरतों पर निर्भर करता है।
- अगर आपको जल्दी पैसे की जरूरत पड़ सकती है, तो 1 से 3 साल की एफडी सही रहेगी।
- अगर आप ज्यादा ब्याज और टैक्स छूट चाहते हैं, तो 5 साल या उससे अधिक की एफडी लेना सही रहेगा।
- अगर आपको बिना किसी जोखिम के अच्छा रिटर्न चाहिए, तो 10 साल की एफडी भी एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है।
क्या अभी एफडी कराना सही रहेगा
अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सोच रहे हैं और ब्याज दरें बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं, तो अभी से एफडी करा लेना बेहतर रहेगा। इससे आप मौजूदा ब्याज दरों का फायदा उठा सकते हैं। अगर भविष्य में ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो आप अपना निवेश बढ़ा सकते हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज दरों का बढ़ना या घटना कई आर्थिक फैक्टर्स पर निर्भर करता है। अगर आप सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न चाहते हैं, तो एफडी अभी भी एक शानदार विकल्प है। साथ ही अगर ब्याज दरें बढ़ने की संभावना हो तो लंबी अवधि की एफडी कराने से ज्यादा फायदा हो सकता है।
अब यह आपके ऊपर है कि आप किस तरह की एफडी में निवेश करना चाहते हैं। आप अपने फाइनेंशियल गोल्स और जरूरतों के हिसाब से शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म एफडी का चुनाव कर सकते हैं।