TRAI New Landline Rule – अगर आपके घर या ऑफिस में अभी भी लैंडलाइन फोन है, तो आपके लिए एक बड़ी खबर है! दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने लैंडलाइन नंबरिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर ली है। अब लैंडलाइन नंबर भी मोबाइल नंबर की तरह 10 अंकों के होंगे। सोच रहे हैं क्यों? चलिए जानते हैं इस बदलाव के पीछे की वजह और आपके लिए इसका क्या मतलब है।
दशकों पुराना सिस्टम होगा अपडेट
हमारा मौजूदा नेशनल नंबरिंग सिस्टम पिछले 20 सालों से चला आ रहा है। इस बीच मोबाइल और स्मार्ट डिवाइसेज की संख्या तेजी से बढ़ी है, लेकिन लैंडलाइन सिस्टम वही पुराना है। TRAI ने इसे अपग्रेड करने का फैसला लिया है ताकि टेलीकॉम सेवाएं और बेहतर हो सकें। ये बदलाव न सिर्फ टेक्नोलॉजी को आधुनिक बनाएंगे बल्कि कॉलिंग एक्सपीरियंस भी बेहतर करेंगे।
लैंडलाइन नंबर भी होंगे 10 अंकों के
TRAI की सिफारिश के मुताबिक अब सभी लैंडलाइन नंबर 10 डिजिट के होंगे, बिल्कुल मोबाइल नंबर की तरह। भले ही आजकल लोग लैंडलाइन कम इस्तेमाल करते हों, लेकिन बैंकिंग, कस्टमर केयर और सरकारी सेवाओं में इसकी अहमियत अभी भी बनी हुई है। इस बदलाव से नंबरिंग सिस्टम ज्यादा व्यवस्थित हो जाएगा और फ्यूचर में किसी भी कंफ्यूजन से बचा जा सकेगा।
कॉलिंग के तरीके में क्या होगा बदलाव?
अब आपके मन में सवाल होगा कि कॉलिंग के तरीके में क्या बदलाव आएगा? तो चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं:
- लैंडलाइन से लैंडलाइन पर कॉल: अब कॉल करने से पहले ‘0’ लगाना जरूरी होगा, ठीक वैसे जैसे आप मोबाइल पर STD कॉल के लिए लगाते हैं।
- मोबाइल से मोबाइल, मोबाइल से लैंडलाइन, और लैंडलाइन से मोबाइल: इन कॉलिंग तरीकों में कोई बदलाव नहीं होगा। आप जैसे पहले कॉल करते थे, वैसे ही करते रहेंगे।
तो घबराने की जरूरत नहीं है, सिर्फ लैंडलाइन से लैंडलाइन कॉल करते समय थोड़ी सी सावधानी रखनी होगी।
फ्रॉड कॉल्स पर लगेगी लगाम – नया ID फीचर
TRAI ने कॉल फ्रॉड को रोकने के लिए एक नया Caller ID फीचर भी लागू करने की सिफारिश की है। इससे फर्जी कॉल्स की पहचान करना आसान हो जाएगा और टेलीफोन धोखाधड़ी में कमी आएगी। अब जब आपको कोई अज्ञात नंबर से कॉल आएगी, तो आप जान पाएंगे कि कॉल करने वाला असली है या नहीं। इस बदलाव को लागू करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को 6 महीने का समय दिया गया है।
लैंडलाइन नंबर भी होंगे पोर्टेबल!
अब तक हम सभी मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) के बारे में जानते थे, लेकिन क्या आपने सोचा था कि लैंडलाइन नंबर भी पोर्ट हो सकते हैं? हां, सही सुना आपने! अब जैसे आप मोबाइल नंबर को एक नेटवर्क से दूसरे में पोर्ट कर सकते हैं, वैसे ही लैंडलाइन नंबर भी पोर्ट किए जा सकेंगे। इससे आपको अपने पुराने नंबर को बदले बिना बेहतर सर्विस प्रोवाइडर चुनने की आजादी मिलेगी।
इस बदलाव के संभावित फायदे
- बेहतर टेलीकॉम सेवाएं: नए नंबरिंग सिस्टम से कॉल क्वालिटी और नेटवर्क कवरेज में सुधार होगा।
- फ्रॉड से सुरक्षा: Caller ID फीचर से स्पैम और फर्जी कॉल्स पर लगाम लगेगी।
- नंबर पोर्टेबिलिटी: अब लैंडलाइन यूजर्स को भी सर्विस बदलने की सुविधा मिलेगी, वो भी बिना नंबर बदले।
- यूजर फ्रेंडली सिस्टम: नंबरिंग सिस्टम के अपग्रेड से डिजिटल कनेक्टिविटी और आसान होगी।
- भविष्य के लिए तैयार: 10 अंकों के नंबर सिस्टम से नए कनेक्शन्स के लिए और भी ज्यादा स्पेस मिलेगा।
क्या आपको कुछ करना होगा?
इस बदलाव के लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना होगा। टेलीकॉम कंपनियां अपने सिस्टम को अपडेट करेंगी और आपको समय-समय पर जरूरी जानकारी देती रहेंगी। हां, बस यह ध्यान रखें कि अगर आप लैंडलाइन से लैंडलाइन कॉल कर रहे हैं तो नंबर से पहले ‘0’ लगाना न भूलें।
TRAI का यह नया नियम टेलीकॉम सेक्टर में बड़ा बदलाव लाने जा रहा है। लैंडलाइन नंबरिंग सिस्टम को 10 अंकों का बनाना और पोर्टेबिलिटी जैसी सुविधाएं यूजर्स को और भी बेहतर अनुभव देंगी। अगर आप लैंडलाइन यूजर हैं तो यह बदलाव आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। तो तैयार हो जाइए, क्योंकि लैंडलाइन भी अब बनेंगे स्मार्ट और मॉडर्न!