Toll Tax Latest Updates – अगर आप भी हाईवे पर सफर करते हैं और टोल टैक्स भरते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। अभी तक टोल टैक्स सभी वाहनों पर लगभग एक जैसा लगता है, लेकिन अब सरकार इस सिस्टम को बदलने जा रही है। जल्द ही गाड़ी के वजन और दूरी के हिसाब से टोल वसूला जाएगा, जिससे लोगों को ज्यादा पारदर्शिता और राहत मिलेगी।
आइए जानते हैं कि नया टोल सिस्टम कैसा होगा, यह कब लागू होगा, और इससे आम लोगों को क्या फायदा मिलेगा।
कैसे काम करता है मौजूदा टोल सिस्टम
फिलहाल, देशभर में टोल प्लाजा मैनुअल और FASTag सिस्टम के जरिए टोल वसूला जाता है।
- टोल दरें सड़क की लंबाई और प्रकार के आधार पर तय होती हैं।
- कई जगहों पर एक तय राशि वसूली जाती है, फिर चाहे आप हाईवे का छोटा हिस्सा इस्तेमाल करें या पूरा।
- छोटी गाड़ियों और ट्रकों के टोल में मामूली अंतर होता है, जिससे कार चालकों को लगता है कि वे ज्यादा टोल दे रहे हैं।
अब सरकार इस पुराने सिस्टम को पूरी तरह से बदलने की योजना बना रही है।
क्या बदलाव होने वाला है
सरकार “विहिकल-क्लास बेस्ड टोल कलेक्शन” सिस्टम लाने की योजना बना रही है। इसका मतलब है कि अब गाड़ी के साइज, वजन और सफर की दूरी के आधार पर टोल वसूला जाएगा।
गाड़ी के हिसाब से टोल
- छोटी गाड़ियों का टोल कम होगा।
- बड़ी गाड़ियों जैसे ट्रक और बसों को ज्यादा चार्ज देना होगा।
दूरी के हिसाब से टोल
- जितनी दूरी तय करोगे, उतना ही टोल कटेगा।
- अभी कई जगहों पर फिक्स टोल देना पड़ता है, भले ही आप पूरा हाईवे न इस्तेमाल करें।
GPS आधारित टोल कलेक्शन
- सरकार GPS आधारित टोल सिस्टम लागू करने की योजना बना रही है।
- इसमें कोई टोल प्लाजा नहीं होगा, बल्कि गाड़ियों में लगे ट्रैकिंग सिस्टम से ऑटोमेटिक टोल कटेगा।
कब लागू होगा नया टोल सिस्टम
सरकार इस नए टोल सिस्टम को धीरे-धीरे लागू करेगी। पहले इसे कुछ हाईवे पर टेस्ट किया जाएगा, फिर पूरे देश में लागू किया जाएगा।
चरण | विवरण | अनुमानित समय |
---|---|---|
पायलट प्रोजेक्ट | कुछ हाईवे पर नया सिस्टम टेस्ट होगा | 2024 के अंत तक |
GPS टोल ट्रायल | बड़ी गाड़ियों पर GPS आधारित टोल की शुरुआत | 2025 की शुरुआत |
देशभर में लागू | सभी टोल प्लाजा हटाकर नया सिस्टम लागू | 2026 के मध्य तक |
आम जनता को क्या फायदा होगा
अगर यह नया सिस्टम लागू होता है, तो आम लोगों को कई फायदे होंगे
- छोटी दूरी वालों को राहत – अगर आप हाईवे पर सिर्फ 10-20 किमी चलते हैं, तो आपको पूरा टोल नहीं देना पड़ेगा।
- छोटी गाड़ियों के लिए कम चार्ज – अभी कार और बाइक चालकों को भी ज्यादा टोल देना पड़ता है, लेकिन नए सिस्टम में कम खर्च होगा।
- ट्रैफिक जाम से छुटकारा – टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि GPS से ऑटोमेटिक पेमेंट होगा।
- भ्रष्टाचार पर रोक – कई जगह टोल प्लाजा पर गलत चार्ज वसूला जाता है, नए सिस्टम से यह बंद हो जाएगा।
क्या इस सिस्टम से दिक्कत भी हो सकती है
हर नया बदलाव कुछ चुनौतियों के साथ आता है। आइए जानते हैं कि नए टोल सिस्टम से क्या संभावित दिक्कतें हो सकती हैं
- GPS सिस्टम की लागत – हर गाड़ी में GPS ट्रैकिंग सिस्टम लगाना महंगा हो सकता है।
- इंटरनेट पर निर्भरता – यह सिस्टम पूरी तरह से इंटरनेट और डिजिटल पेमेंट पर निर्भर होगा।
- पुराने वाहनों का अपग्रेड – पुराने वाहन नई तकनीक से लैस नहीं होंगे, जिससे परेशानी हो सकती है।
हालांकि, सरकार इसे धीरे-धीरे लागू करेगी, ताकि आम लोगों को ज्यादा परेशानी न हो।
असल जिंदगी के उदाहरण – लोगों पर क्या असर पड़ेगा
1. रवि (कार चालक)
रवि रोज़ हाईवे पर 20 किमी सफर करता है, लेकिन उसे पूरे 60 किमी का टोल देना पड़ता है। नए सिस्टम में सिर्फ उसकी तय की गई दूरी का ही चार्ज लिया जाएगा, जिससे उसका खर्च कम होगा।
2. सुरेश (ट्रक ड्राइवर)
सुरेश का ट्रक भारी माल ढोता है, लेकिन अभी उसका टोल कार चालकों से बहुत कम अंतर पर पड़ता है। नए नियम के तहत भारी गाड़ियों से ज्यादा चार्ज लिया जाएगा, जिससे सरकार को भी अधिक राजस्व मिलेगा।
3. नीता (टूरिस्ट)
नीता अक्सर अलग-अलग शहरों में घूमने जाती हैं। टोल प्लाजा पर रुकने में उनका बहुत समय खराब होता है। GPS टोल आने से उनका सफर आसान और तेज हो जाएगा।
क्या यह नया सिस्टम सही रहेगा
भारत में टोल सिस्टम को और पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार नए बदलाव करने जा रही है।
- GPS आधारित टोल सिस्टम
- गाड़ी के हिसाब से टोल
- ट्रैफिक फ्री सफर
हालांकि, इसे पूरी तरह लागू होने में कुछ साल लग सकते हैं, लेकिन आने वाले समय में यह सिस्टम सफर को और भी आसान बना देगा।
आपको क्या लगता है, यह नया सिस्टम सही रहेगा या नहीं? अपनी राय हमें जरूर बताएं।