Safest Bank In India – अगर आप भी अपने पैसों की सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद रहते हैं और जानना चाहते हैं कि कौन से बैंक सबसे सुरक्षित हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में अपनी नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें तीन बैंकों को देश के सबसे सुरक्षित बैंक घोषित किया गया है। इसका मतलब यह है कि अगर आप इन बैंकों में पैसा रखते हैं, तो डूबने का खतरा लगभग ना के बराबर होता है। तो आइए जानते हैं कौन से हैं ये बैंक और आखिर क्यों इन्हें सबसे सुरक्षित माना गया है।
RBI हर साल बैंकों की रेटिंग क्यों करता है?
भारतीय रिजर्व बैंक हर साल बैंकों के कामकाज और उनकी वित्तीय स्थिति की समीक्षा करता है। इसके आधार पर यह तय किया जाता है कि कौन-कौन से बैंक “डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट बैंक” (D-SIBs) की लिस्ट में आएंगे। जिन बैंकों को इस लिस्ट में शामिल किया जाता है, वे देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरूरी होते हैं।
अगर कोई छोटा बैंक डूबता है, तो उसका असर कुछ ग्राहकों तक ही सीमित रहता है, लेकिन अगर कोई बड़ा बैंक बंद हो जाए, तो इसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है। यही वजह है कि सरकार और RBI इन बैंकों की सुरक्षा को लेकर खास नजर रखते हैं।
भारत के 3 सबसे सुरक्षित बैंक कौन से हैं?
RBI ने अपनी ताजा रिपोर्ट में जिन तीन बैंकों को सबसे सुरक्षित बताया है, वे हैं:
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
- एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)
- आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
इन तीनों बैंकों को D-SIBs (Domestic Systematically Important Banks) यानी घरेलू स्तर पर महत्वपूर्ण बैंक का दर्जा दिया गया है। यह लगातार दूसरा साल है जब इन बैंकों को इस लिस्ट में शामिल किया गया है।
D-SIBs की लिस्ट कैसे बनती है?
RBI किसी भी बैंक को D-SIBs की लिस्ट में तभी शामिल करता है, जब वह देश की वित्तीय प्रणाली के लिए अनिवार्य माना जाता है। यानी अगर किसी वजह से ये बैंक संकट में आते हैं, तो सरकार इन्हें बचाने की पूरी कोशिश करती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अगर ये बैंक फेल हो गए, तो पूरी अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है।
D-SIBs की सूची तैयार करने का आधार
RBI ने यह सूची 31 मार्च 2024 तक के वित्तीय आंकड़ों के आधार पर तैयार की है। इन बैंकों को अपने वित्तीय रिजर्व (Common Equity Tier-1 या CET-1) को एक खास स्तर पर बनाए रखना होता है, ताकि किसी भी वित्तीय संकट से निपटा जा सके।
हर बैंक को उसकी कैटेगरी (Bucket) के हिसाब से अलग-अलग CET-1 रिजर्व रखना पड़ता है। इसका मतलब यह है कि अगर कोई बड़ा आर्थिक संकट आता है, तो ये बैंक बिना किसी समस्या के उससे निपट सकें।
सबसे पहले कौन सा बैंक इस लिस्ट में शामिल हुआ था?
RBI ने 2014 में D-SIBs की अवधारणा को अपनाया था। इसके बाद सबसे पहले 2015 में SBI को इस सूची में शामिल किया गया। फिर 2016 में ICICI बैंक और 2017 में HDFC बैंक को इसमें जोड़ा गया। तब से अब तक ये बैंक लगातार इस लिस्ट में बने हुए हैं।
बैंकों को अलग-अलग कैटेगरी में रखा गया है
RBI ने इन बैंकों को वित्तीय मजबूती के आधार पर अलग-अलग कैटेगरी (Bucket) में रखा है। हर कैटेगरी में आने वाले बैंक को एक तय प्रतिशत तक CET-1 रिजर्व रखना होगा।
- SBI को Bucket-4 में रखा गया है, जिसे 0.80% अतिरिक्त CET-1 रिजर्व मेंटेन करना होगा।
- HDFC बैंक को Bucket-2 में रखा गया है, जिसे 0.40% अतिरिक्त CET-1 रिजर्व रखना होगा।
- ICICI बैंक को Bucket-1 में रखा गया है, जिसे 0.20% अतिरिक्त CET-1 रिजर्व मेंटेन करना होगा।
नए नियम कब लागू होंगे?
RBI ने साफ कर दिया है कि 1 अप्रैल 2025 से ये नए नियम लागू हो जाएंगे। यानी इन बैंकों को अपनी वित्तीय सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए ज्यादा रिजर्व मेंटेन करना होगा।
क्या इन बैंकों में पैसा रखना सुरक्षित है?
अगर आप SBI, HDFC Bank या ICICI Bank में अपना पैसा रखते हैं, तो आपको बिलकुल भी डरने की जरूरत नहीं है। ये बैंक सबसे सुरक्षित माने गए हैं और सरकार भी इन्हें हर स्थिति में बचाने की कोशिश करेगी। यानी, आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है।
अगर आप बैंक चुनते समय उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं, तो अब आपके पास एक स्पष्ट जवाब है। SBI, HDFC Bank और ICICI Bank भारत के सबसे सुरक्षित बैंक माने गए हैं। RBI खुद इनकी सुरक्षा की गारंटी देता है और इन्हें डूबने से बचाने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी।
इसलिए, अगर आप इन बैंकों में पैसा जमा करते हैं, तो बेफिक्र रहें, आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है!