RBI Repo Rate – अगर आप होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन या किसी भी तरह का लोन लेने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। अगले कुछ महीनों में बैंकों की ब्याज दरों में कटौती होने वाली है, जिससे लोन सस्ते हो सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रेपो रेट में कमी कर सकता है, जिससे सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक अपने ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर लोन ऑफर कर सकते हैं।
कैसे तय होती हैं लोन की ब्याज दरें
भारत में बैंक ग्राहकों को उनकी जरूरत के हिसाब से अलग-अलग तरह के लोन देते हैं। पर्सनल लोन, होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन और बिजनेस लोन जैसी कई कैटेगरी में लोन मिलता है। बैंक किसी भी ग्राहक को लोन देने से पहले उनका सिबिल स्कोर चेक करते हैं, जिससे उनकी क्रेडिट हिस्ट्री और लोन चुकाने की क्षमता का पता चलता है।
ब्याज दरें तय करने का काम RBI करता है, जो हर साल अपनी बैठक में रेपो रेट में बदलाव करता है। रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। अगर यह दर घटती है, तो बैंकों की लोन देने की लागत भी कम होती है और वे ग्राहकों को सस्ती दरों पर लोन दे सकते हैं।
अगले कुछ महीनों में घट सकती हैं ब्याज दरें
विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ महीनों में लोन सस्ता हो सकता है, क्योंकि RBI रेपो रेट में कटौती करने की योजना बना रहा है। बैंकों के लिए फंडिंग सस्ती होगी, जिससे होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन की EMI कम हो सकती है।
SBI की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में RBI अपनी ब्याज दरों में कुल 0.75 फीसदी की कटौती कर सकता है। यह कटौती अप्रैल, जून और अक्टूबर की बैठक में हो सकती है, जिससे नए और पुराने लोन लेने वाले दोनों को फायदा मिलेगा।
महंगाई कम होने से ब्याज दरों पर असर
RBI ब्याज दरों में बदलाव महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए करता है। इस साल महंगाई में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे रेपो रेट में कटौती की संभावना बढ़ गई है।
- वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में खुदरा महंगाई 3.9 फीसदी रहने का अनुमान है।
- पूरे साल की औसत महंगाई दर 4.7 फीसदी रह सकती है।
- कोर महंगाई (जिसमें खाद्य और ईंधन को छोड़ दिया जाता है) 4.2 से 4.4 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद है।
महंगाई दर कम होने पर RBI के लिए ब्याज दरों में कटौती करना आसान हो जाता है, जिससे बैंक भी अपने ग्राहकों को सस्ती दरों पर लोन दे सकते हैं।
अप्रैल और जून में कम हो सकती हैं ब्याज दरें
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर महंगाई दर में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई, तो RBI अप्रैल और जून की अपनी बैठकों में रेपो रेट में कटौती कर सकता है। अगर ऐसा हुआ, तो सभी तरह के लोन सस्ते हो सकते हैं।
इसके अलावा, अक्टूबर 2025 में भी ब्याज दरों में और कटौती हो सकती है, जिससे लोन लेने वालों को और राहत मिलेगी।
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फरवरी में महंगाई दर सात महीने के निचले स्तर पर
पिछले कुछ महीनों में महंगाई दर में गिरावट आई है, जो लोन लेने वालों के लिए अच्छी खबर है। फरवरी में खुदरा महंगाई दर सात महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई।
इसकी मुख्य वजह खाद्य वस्तुओं की कीमतों में आई गिरावट है। खासतौर पर लहसुन, आलू और टमाटर जैसी सब्जियों के दाम में भारी गिरावट देखने को मिली है। 20 महीनों में पहली बार सब्जियों की महंगाई दर नेगेटिव रही है, जिसका सीधा असर देश की कुल महंगाई दर पर पड़ा है।
कैसे पड़ेगा इस फैसले का असर
- होम लोन होगा सस्ता – अगर RBI रेपो रेट कम करता है, तो होम लोन पर ब्याज दरें घट सकती हैं। इससे घर खरीदने की योजना बना रहे लोगों को फायदा होगा।
- पर्सनल लोन की EMI होगी कम – कई लोग मेडिकल इमरजेंसी या अन्य जरूरतों के लिए पर्सनल लोन लेते हैं। ब्याज दरें कम होने से उनकी EMI में भी कटौती होगी।
- कार लोन पर मिलेगा फायदा – अगर आप नई कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो सस्ती ब्याज दरों का लाभ उठा सकते हैं।
- बिजनेस लोन लेना होगा आसान – छोटे कारोबारियों और स्टार्टअप्स को भी कम ब्याज दरों का फायदा मिल सकता है।
क्या करें अगर लोन लेना चाहते हैं
- अप्रैल और जून तक इंतजार करें – अगर आप जल्दबाजी में नहीं हैं, तो अप्रैल और जून में होने वाली RBI की बैठक के बाद लोन लें। ब्याज दरें कम होने की संभावना है।
- सिबिल स्कोर सुधारें – लोन लेने से पहले अपना क्रेडिट स्कोर चेक करें और इसे सुधारने की कोशिश करें, ताकि आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सके।
- बैंक ऑफर्स पर नजर रखें – कई बैंक नए ग्राहकों को लुभाने के लिए ब्याज दरों में छूट देते हैं, इसलिए अच्छे ऑफर्स पर नजर बनाए रखें।
- फ्लोटिंग रेट लोन चुनें – अगर आपको लगता है कि ब्याज दरें और घट सकती हैं, तो फ्लोटिंग रेट लोन का विकल्प चुनें, जिससे भविष्य में आपको और फायदा मिल सकता है।
RBI की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद की जा रही है, जिससे होम लोन, पर्सनल लोन, कार लोन और बिजनेस लोन सस्ते हो सकते हैं। अगर आप लोन लेने की सोच रहे हैं, तो अगले कुछ महीनों में आने वाले RBI के फैसलों पर नजर रखें। ब्याज दरें कम होने से आपकी EMI कम हो सकती है और आपको लोन चुकाने में राहत मिलेगी।