RBI New Update – आजकल हर किसी के पास बैंक अकाउंट होना जरूरी हो गया है। कोई सेविंग के लिए बैंक में पैसा रखता है, तो कोई ऑनलाइन पेमेंट और ट्रांजेक्शन के लिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप लंबे समय तक अपने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल नहीं करते हैं, तो वह निष्क्रिय (Inactive) हो सकता है? जी हां, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए नियमों के मुताबिक, अगर किसी बैंक अकाउंट से लंबे समय तक कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता, तो बैंक उसे डिएक्टिव कर सकता है। इसका मतलब यह नहीं कि आपका पैसा चला जाएगा, लेकिन आपको अकाउंट फिर से चालू करने में थोड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।
अगर आपका अकाउंट Inactive हो जाता है, तो आप उससे न तो पैसे निकाल सकते हैं और न ही जमा कर सकते हैं। UPI, नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग भी बंद हो सकती है। हालांकि, अच्छी खबर यह है कि निष्क्रिय अकाउंट को फिर से चालू करना बहुत आसान है। तो आइए जानते हैं कि बैंक अकाउंट कब और क्यों बंद होता है, और इसे फिर से एक्टिव कैसे किया जा सकता है।
बैंक अकाउंट कब होता है Inactive?
अगर आप लंबे समय तक अपने बैंक अकाउंट में कोई भी लेन-देन नहीं करते हैं, तो वह निष्क्रिय (Inactive) हो सकता है।
- बैंक अकाउंट 12 महीनों तक इस्तेमाल न होने पर Dormant (निष्क्रिय) हो सकता है।
- अगर 24 महीने तक अकाउंट में कोई ट्रांजेक्शन नहीं होता, तो बैंक इसे Inactive कर सकता है।
- डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग और UPI सभी सेवाएं बंद हो सकती हैं।
- हालांकि, अकाउंट में जो पैसा जमा है, उस पर ब्याज मिलता रहेगा।
Inactive अकाउंट को कैसे करें एक्टिव?
अगर आपका बैंक अकाउंट Inactive हो गया है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। इसे दोबारा चालू करना बहुत आसान है।
बैंक शाखा जाएं
सबसे पहले, आपको अपनी नजदीकी बैंक शाखा में जाना होगा। वहां जाकर आपको अपने अकाउंट को फिर से एक्टिव करने की रिक्वेस्ट देनी होगी।
केवाईसी (KYC) प्रक्रिया पूरी करें
बैंक आपसे KYC डॉक्यूमेंट्स (जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ) मांग सकता है। अगर आपका KYC पहले से अपडेट नहीं है, तो इसे अपडेट करवाना होगा।
एक छोटा सा ट्रांजेक्शन करें
अकाउंट एक्टिव करने के लिए आपको बैंक से एक छोटा सा ट्रांजेक्शन (जैसे 100 रुपये डिपॉजिट या विथड्रॉ) करना होगा। इससे बैंक को पता चलेगा कि आप अकाउंट का उपयोग कर रहे हैं।
कोई चार्ज नहीं लगेगा
बैंक अकाउंट को दोबारा चालू करने के लिए कोई भी शुल्क नहीं देना पड़ता। बस KYC अपडेट करें और ट्रांजेक्शन करें, अकाउंट फिर से एक्टिव हो जाएगा।
बैंक अकाउंट Inactive होने से बचाने के लिए ये काम करें
अगर आप नहीं चाहते कि आपका बैंक अकाउंट Inactive हो, तो इन आसान स्टेप्स को फॉलो करें:
- हर 6 महीने में एक बार कोई भी लेन-देन (Transaction) करें – भले ही छोटा अमाउंट ही क्यों न हो, अकाउंट को Active रखने के लिए यह जरूरी है।
- ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते रहें – UPI या नेट बैंकिंग के जरिए एक छोटा पेमेंट कर दें।
- अपने अकाउंट से पैसे निकालें या जमा करें – बैंक अकाउंट को चालू रखने के लिए आपको इसमें कुछ न कुछ लेन-देन करना होगा।
- बचत खाते को ध्यान में रखें – अगर आपके पास कई बैंक अकाउंट हैं और कुछ का इस्तेमाल नहीं कर रहे, तो समय-समय पर उनमें भी ट्रांजेक्शन करें।
- बैंक की नोटिफिकेशन पर ध्यान दें – कई बार बैंक ग्राहकों को मैसेज या ईमेल भेजता है कि उनका अकाउंट Inactive होने वाला है। इस पर तुरंत एक्शन लें।
Inactive बैंक अकाउंट से क्या नुकसान हो सकता है?
अगर आपका अकाउंट निष्क्रिय हो जाता है, तो आपको ये दिक्कतें हो सकती हैं:
- UPI और नेट बैंकिंग बंद हो सकती है – आप ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर पाएंगे।
- डेबिट कार्ड काम नहीं करेगा – ATM से पैसे नहीं निकाल पाएंगे।
- बैंक अकाउंट को फिर से चालू करने में समय लग सकता है – आपको बैंक जाना पड़ेगा, KYC अपडेट करना होगा।
- अगर 10 साल तक अकाउंट में कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ, तो पैसे Unclaimed Deposits में चले जाते हैं – यानी आपको बैंक से अलग प्रक्रिया के तहत पैसे निकालने होंगे।
अगर आप अपने बैंक अकाउंट को निष्क्रिय होने से बचाना चाहते हैं, तो हर 6 महीने में कम से कम एक बार लेन-देन करें। इससे आपका अकाउंट Active रहेगा और आपको कोई परेशानी नहीं होगी। अगर आपका अकाउंट Inactive हो भी गया है, तो बैंक जाकर KYC अपडेट करें और एक छोटा सा ट्रांजेक्शन करें, आपका अकाउंट फिर से चालू हो जाएगा।
RBI का यह नियम इसलिए लाया गया है ताकि जिन अकाउंट्स का कोई उपयोग नहीं कर रहा है, उन पर नजर रखी जा सके और फर्जी ट्रांजेक्शन से बचा जा सके। तो अगर आपके पास भी कोई ऐसा बैंक अकाउंट है जिसे आप लंबे समय से इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, तो तुरंत एक ट्रांजेक्शन कर लें और अपने पैसे को सुरक्षित रखें।