RBI New Rules 2025 – अगर आप किसी कारणवश अपनी लोन की EMI समय पर नहीं चुका पा रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन लेने वालों को राहत देते हुए नए नियम जारी किए हैं, जिनके तहत अब आपको कुछ खास अधिकार मिलते हैं। ये अधिकार उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित होंगे, जो वित्तीय संकट के कारण लोन की किस्तें चुकाने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि अगर आप EMI चुकाने में असमर्थ हैं, तो बैंक क्या कार्रवाई करता है, आप क्या कर सकते हैं, और आपके कौन-कौन से अधिकार हैं।
लोन लेने से पहले सही आकलन जरूरी
आजकल लोग घर, गाड़ी, पढ़ाई, शादी और बिजनेस के लिए लोन लेते हैं। बैंक भी ग्राहकों को लुभाने के लिए आकर्षक ऑफर और कम ब्याज दर वाले लोन उपलब्ध कराते हैं। लेकिन लोन लेने के बाद हर महीने EMI चुकाना एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। इसलिए लोन लेने से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का सही आकलन करना बेहद जरूरी है।
अगर आप बिना प्लानिंग के लोन लेते हैं और बाद में EMI चुकाने में दिक्कत होती है, तो यह आपकी क्रेडिट हिस्ट्री और CIBIL स्कोर को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
अगर EMI नहीं भरी, तो बैंक क्या करेगा?
अगर कोई व्यक्ति EMI समय पर नहीं भरता, तो बैंक सबसे पहले कॉल और मैसेज के जरिए रिमाइंडर भेजता है। अगर फिर भी भुगतान नहीं होता, तो बैंक अपने रिकवरी एजेंट्स को भेज सकता है, जो लोन वसूली के लिए आपसे संपर्क करेंगे।
हालांकि, कुछ मामलों में रिकवरी एजेंट्स ग्राहकों को धमकाते हैं या डराने की कोशिश करते हैं, जो कि RBI के नियमों के खिलाफ है। इसलिए अगर आपको ऐसा कोई अनुभव होता है, तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं।
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लोन रिस्ट्रक्चरिंग से बच सकती है परेशानी
अगर आप EMI नहीं चुका पा रहे हैं, तो परेशान होने की बजाय बैंक से बात करें और लोन रिस्ट्रक्चरिंग का विकल्प चुनें। इसमें आप –
- लोन की अवधि बढ़ाकर EMI कम करवा सकते हैं।
- अस्थायी राहत के लिए बैंक से भुगतान रोकने की अनुमति मांग सकते हैं।
- फाइनेंस प्लान बदलने के लिए बैंक से नई शर्तों पर बात कर सकते हैं।
अगर आप समय रहते बैंक से संपर्क करते हैं, तो वे आपकी स्थिति को समझते हुए आपकी मदद कर सकते हैं।
अगर EMI मिस हो गई, तो जानिए आपके 5 बड़े अधिकार
RBI ने ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए कुछ अहम नियम बनाए हैं, जिनकी जानकारी आपको होनी चाहिए।
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1. अपनी बात रखने का अधिकार
अगर आपकी EMI छूट गई है, तो आपको बैंक में जाकर अपनी आर्थिक स्थिति स्पष्ट करने का अधिकार है। अगर आपकी नौकरी चली गई है, बीमारी के कारण खर्च बढ़ गया है, या किसी अन्य वजह से भुगतान में परेशानी हो रही है, तो आप बैंक को इसकी जानकारी दे सकते हैं।
अगर बैंक से आपको आधिकारिक नोटिस मिला है, तो आपको अपने अधिकार के तहत बैंक में जाकर स्थिति स्पष्ट करने का मौका मिलेगा।
2. रिकवरी एजेंट से बचाव का अधिकार
RBI के नियमों के अनुसार, बैंक और उसके एजेंट्स आपको धमकी या जबरदस्ती वसूली नहीं कर सकते। वे केवल सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बीच ही संपर्क कर सकते हैं।
अगर कोई रिकवरी एजेंट बदतमीजी से पेश आता है, तो आप उसकी शिकायत कर सकते हैं। आपको यह भी अधिकार है कि बैंक से रिकवरी एजेंट का पूरा विवरण मांगे।
3. सम्मानपूर्वक व्यवहार का अधिकार
अगर आप लोन नहीं चुका पा रहे हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि बैंक के अधिकारी या एजेंट आपके साथ गलत व्यवहार करें। आपको बैंक से सम्मानपूर्वक बातचीत करने और शालीन व्यवहार की मांग करने का पूरा अधिकार है।
अगर कोई एजेंट बदसलूकी करता है, तो आप इसकी शिकायत RBI या उपभोक्ता फोरम में दर्ज कर सकते हैं।
4. संपत्ति की सही कीमत का अधिकार
अगर आप अपना लोन चुकाने में असमर्थ हैं और बैंक आपकी संपत्ति नीलाम करने की तैयारी कर रहा है, तो आपको इसकी पूरी जानकारी मिलनी चाहिए।
बैंक को पहले आपको आधिकारिक नोटिस देना होगा, जिसमें –
- नीलामी की तारीख
- समय और स्थान
- संपत्ति का निर्धारित मूल्य
स्पष्ट रूप से बताया गया हो। अगर आपको लगता है कि आपकी संपत्ति की कीमत कम आंकी गई है, तो आप आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
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5. नीलामी के बाद अतिरिक्त राशि पर अधिकार
अगर बैंक आपकी संपत्ति नीलाम करता है और उसे लोन की राशि से ज्यादा रकम मिलती है, तो बैंक को वह अतिरिक्त राशि आपको वापस करनी होगी।
अक्सर लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं होती और बैंक अतिरिक्त पैसे अपने पास रख लेते हैं। लेकिन नियमों के अनुसार, आपको इस राशि को पाने का पूरा हक है।
लोन EMI चुकाने में दिक्कत हो, तो घबराएं नहीं
अगर आप किसी कारण EMI नहीं भर पा रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। सबसे पहले बैंक से संपर्क करें और अपनी स्थिति स्पष्ट करें। अगर बैंक कोई गलत कदम उठा रहा है, तो आपको RBI के नियमों और अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए।
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अगर आपकी EMI छूट गई है, तो –
- बैंक से लोन रिस्ट्रक्चरिंग पर बातचीत करें।
- रिकवरी एजेंट्स के गलत व्यवहार की शिकायत करें।
- संपत्ति की नीलामी में अपने अधिकारों की रक्षा करें।
- अगर संपत्ति की बिक्री में अतिरिक्त पैसा आता है, तो उसे बैंक से वापस मांगें।
इस तरह, RBI के नियम आपके अधिकारों की रक्षा करते हैं और आपको अनावश्यक परेशानी से बचाते हैं। अगर आपके साथ कोई गलत व्यवहार हो रहा है, तो तुरंत इसकी शिकायत करें और अपने अधिकारों का उपयोग करें।