RBI CIBIL Score Update – आजकल डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है और इसमें सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला तरीका है UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस। इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिनका असर सीधे आपके क्रेडिट स्कोर और वित्तीय स्थिति पर पड़ सकता है। अगर आप UPI के जरिए ट्रांजेक्शन करते हैं और अपने क्रेडिट स्कोर को अच्छा बनाए रखना चाहते हैं, तो इन नए नियमों को समझना जरूरी है।
UPI के नए नियम और ट्रांजेक्शन लिमिट
आरबीआई ने एक जनवरी दो हजार पच्चीस से यूपीआई ट्रांजेक्शन की नई लिमिट तय कर दी है।
- सामान्य उपयोगकर्ताओं के लिए एक लाख रुपये तक की सीमा होगी
- विशेष श्रेणी के लिए पांच लाख रुपये तक की लिमिट दी जाएगी, इसमें मेडिकल और एजुकेशन से जुड़े भुगतान शामिल होंगे
इस बदलाव के बाद अब लोग आसानी से बड़ी रकम का लेन-देन कर पाएंगे और भुगतान पहले से ज्यादा सुरक्षित होगा।
यूपीआई पर क्रेडिट लाइन सुविधा
अब तक यूपीआई का इस्तेमाल सिर्फ आपके बैंक खाते से सीधा भुगतान करने के लिए होता था। लेकिन आरबीआई ने अब क्रेडिट लाइन की सुविधा को भी शामिल कर दिया है।
अब बैंक ग्राहकों को प्री-सैंक्शन क्रेडिट लाइन ऑफर कर सकते हैं, जिसका मतलब यह है कि यदि आपके खाते में पैसे नहीं हैं, तब भी आप यूपीआई से भुगतान कर सकते हैं। लेकिन यह सुविधा किसी लोन की तरह होगी, जिसे समय पर चुकाना होगा।
- अगर आपने इस क्रेडिट लाइन से पैसे खर्च किए और तय समय पर भुगतान नहीं किया तो इसका सीधा असर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ेगा
- देर से भुगतान करने पर भविष्य में पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है
अब यूपीआई ट्रांजेक्शन पर लगेगा चार्ज
अगर आप दो हजार रुपये से ज्यादा का यूपीआई भुगतान कर रहे हैं और यह व्यापारी को किया जा रहा है, तो अब एक दशमलव एक प्रतिशत ट्रांजेक्शन चार्ज देना होगा।
- यह शुल्क सिर्फ व्यापारिक भुगतान पर लागू होगा
- यदि आप किसी मित्र या परिवार के सदस्य को पैसे भेज रहे हैं, तो कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा
आरबीआई का यह कदम डिजिटल भुगतान को अधिक सुरक्षित बनाने और बड़े ट्रांजेक्शन को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।
यूपीआई ट्रांजेक्शन का CIBIL स्कोर पर प्रभाव
सिबिल स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को दर्शाता है और यह बताता है कि आप अपने वित्तीय दायित्वों को कितनी जिम्मेदारी से निभाते हैं। अब आरबीआई के नए नियमों के चलते यूपीआई ट्रांजेक्शन भी आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकते हैं।
- यदि आप क्रेडिट लाइन का उपयोग करते हैं और समय पर भुगतान नहीं करते हैं, तो आपका सिबिल स्कोर गिर सकता है
- बार-बार ओवरड्राफ्ट में जाने से बैंक इसे नकारात्मक रूप से ले सकता है
- स्मार्ट तरीके से खर्च करें, अनावश्यक डिजिटल लेन-देन करने से बचें ताकि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा बना रहे
क्या आपको चिंता करने की जरूरत है
अगर आप सामान्य यूपीआई उपयोगकर्ता हैं और अपने बैंक खाते से सीधा भुगतान करते हैं, तो इन बदलावों से आपको कोई परेशानी नहीं होगी।
लेकिन यदि आप क्रेडिट लाइन का उपयोग कर रहे हैं और भुगतान में देरी कर रहे हैं, तो यह बिल्कुल क्रेडिट कार्ड लोन की तरह ही काम करेगा और आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करेगा।
यूपीआई का सही तरीके से इस्तेमाल कैसे करें
- क्रेडिट लाइन तभी लें जब वास्तव में जरूरत हो
- अगर आपने क्रेडिट का उपयोग किया है, तो उसे समय पर चुका दें ताकि आपका सिबिल स्कोर प्रभावित न हो
- जरूरत से ज्यादा बड़े ट्रांजेक्शन करने से बचें और अपनी वित्तीय स्थिति को समझते हुए ही खर्च करें
अब यूपीआई ट्रांजेक्शन और सिबिल स्कोर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, खासकर तब जब आप क्रेडिट लाइन का उपयोग कर रहे हों। यदि आप समय पर भुगतान नहीं करेंगे, तो इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ेगा, जिससे भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
इसलिए डिजिटल भुगतान करते समय समझदारी जरूरी है। जरूरत से ज्यादा खर्च करने से बचें और हमेशा अपने लेन-देन पर नजर रखें। इससे न सिर्फ आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा रहेगा, बल्कि भविष्य में वित्तीय सुरक्षा भी बनी रहेगी।