Property Registry Rules – अगर आप घर या जमीन खरीदने की सोच रहे हैं, तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से जुड़े ये जरूरी टिप्स आपकी लाखों रुपये की बचत करा सकते हैं। अक्सर लोग रजिस्ट्रेशन के दौरान कुछ जरूरी बातें नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे बाद में उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ता है। अगर आप स्मार्ट तरीके से प्लानिंग करेंगे, तो न सिर्फ रजिस्ट्रेशन पर खर्च होने वाली बड़ी रकम बचा सकते हैं, बल्कि फ्यूचर में किसी भी लीगल झंझट से भी बच सकते हैं।
तो आइए जानते हैं प्रॉपर्टी रजिस्ट्री से पहले ध्यान देने वाली 4 अहम बातें जो आपकी जेब को हल्का होने से बचाएंगी!
1. सर्किल रेट और मार्केट वैल्यू का सही मतलब समझें
प्रॉपर्टी खरीदते वक्त सर्किल रेट और मार्केट वैल्यू का फर्क समझना बहुत जरूरी है। सर्किल रेट वह न्यूनतम मूल्य होता है, जिसे सरकार किसी इलाके के लिए तय करती है और इसी के आधार पर स्टांप ड्यूटी ली जाती है। वहीं, मार्केट वैल्यू संपत्ति की असली बाजार कीमत होती है, जो लोकेशन और मांग के हिसाब से तय होती है। अगर किसी संपत्ति की मार्केट वैल्यू सर्किल रेट से कम है, तो स्टांप ड्यूटी भी कम देनी पड़ती है। इससे आपके कुल खर्च में अच्छी-खासी बचत हो सकती है।
अगर आपको लगता है कि स्टांप ड्यूटी ज्यादा ली जा रही है, तो आप रजिस्ट्रार ऑफिस में अपील कर सकते हैं। वहां से मामला डीसी ऑफिस भेजा जाएगा, जो मार्केट वैल्यू के हिसाब से स्टांप ड्यूटी तय करेगा। इस प्रक्रिया के जरिए स्टांप ड्यूटी का बोझ कम किया जा सकता है और खरीदार को सीधा फायदा मिलता है।
2. बिना बंटवारे वाली जमीन का रजिस्ट्रेशन सस्ता पड़ सकता है
अगर आप अंडिवाइडेड प्रॉपर्टी यानी ऐसी जमीन खरीद रहे हैं, जिसका अभी तक कानूनी रूप से बंटवारा नहीं हुआ है, तो आपके लिए रजिस्ट्रेशन फीस कम हो सकती है। ऐसी संपत्तियों में केवल जमीन की कीमत पर स्टांप ड्यूटी लगती है, जबकि पूरी संपत्ति की कीमत पर यह लागू नहीं होती। उदाहरण के लिए, अगर आपने 50 लाख रुपये की संपत्ति खरीदी है और उसमें जमीन की कीमत 20 लाख रुपये आंकी गई है, तो स्टांप ड्यूटी सिर्फ 20 लाख रुपये पर देनी होगी, न कि पूरे 50 लाख रुपये पर। इससे आपकी कुल रजिस्ट्रेशन लागत काफी कम हो सकती है।
जब भी ऐसी संपत्ति खरीदें, तो सेल एग्रीमेंट और कंस्ट्रक्शन एग्रीमेंट दोनों तैयार करवाएं। सेल एग्रीमेंट में यह दर्ज होता है कि खरीदार को संपत्ति में कितने प्रतिशत का हिस्सा मिल रहा है, जबकि कंस्ट्रक्शन एग्रीमेंट में निर्माण की लागत और शर्तें दर्ज होती हैं। यह दोनों दस्तावेज न केवल कानूनी सुरक्षा देते हैं, बल्कि इससे रजिस्ट्रेशन फीस पर भी बचत होती है।
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3. महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने पर स्टांप ड्यूटी में छूट
अगर प्रॉपर्टी महिलाओं के नाम पर खरीदी जाए, तो कई राज्यों में स्टांप ड्यूटी पर छूट मिलती है। दिल्ली में, जहां पुरुषों को संपत्ति खरीदने पर 6% स्टांप ड्यूटी देनी होती है, वहीं महिलाओं को केवल 4% स्टांप ड्यूटी देनी पड़ती है। इसका मतलब, अगर कोई संपत्ति 1 करोड़ रुपये की है, तो महिलाओं को 2 लाख रुपये की सीधी छूट मिलती है।
इसके अलावा, कुछ राज्यों में महिलाओं को प्रॉपर्टी खरीदने पर टैक्स छूट भी दी जाती है। उदाहरण के लिए, एक साल में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पर अधिकतम 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट का फायदा उठाया जा सकता है। हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी महिलाओं के लिए स्टांप ड्यूटी कम रखी गई है, जिससे उनके लिए संपत्ति खरीदना सस्ता और किफायती हो जाता है। अगर परिवार में कोई महिला सदस्य है और प्रॉपर्टी उनके नाम पर रजिस्टर करवाई जाती है, तो लाखों रुपये की बचत हो सकती है।
4. स्टांप ड्यूटी बचाने के और भी तरीके
अगर आप थोड़ी प्लानिंग और सही जानकारी के साथ प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो स्टांप ड्यूटी पर काफी पैसा बचा सकते हैं। एक तरीका यह है कि यदि संपत्ति परिवार के किसी सदस्य को ट्रांसफर करनी हो, तो इसे गिफ्ट डीड के जरिए किया जाए। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और पंजाब जैसे राज्यों में परिवार के किसी सदस्य को संपत्ति गिफ्ट करने पर स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाती है।
इसके अलावा, राज्य सरकारें समय-समय पर स्टांप ड्यूटी घटाती हैं। कई बार नए खरीदारों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार स्टांप ड्यूटी की दरें कम करती है। इसलिए, रजिस्ट्रेशन से पहले स्टांप चार्ज की अपडेटेड जानकारी लेना जरूरी है। कई मामलों में, प्रॉपर्टी का सही मूल्यांकन करवाकर भी स्टांप ड्यूटी के बोझ को कम किया जा सकता है।
थोड़ी समझदारी से लाखों की बचत!
अगर आप प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन से पहले इन 4 जरूरी बातों को ध्यान में रखते हैं, तो आप स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस पर अच्छी-खासी बचत कर सकते हैं। सर्किल रेट और मार्केट वैल्यू का सही अंदाजा लगाकर, अंडिवाइडेड प्रॉपर्टी खरीदकर, महिलाओं के नाम पर प्रॉपर्टी रजिस्टर करवाकर और गिफ्ट डीड जैसे विकल्पों का सही उपयोग करके, आप प्रॉपर्टी खरीदने की लागत को कम कर सकते हैं।
तो अगर आप घर या जमीन खरीदने की सोच रहे हैं, तो इन टिप्स को अपनाएं और लाखों रुपये की बचत करें!