Petrol Diesel Price – अगर आप रोजाना पेट्रोल-डीजल के दाम चेक करते हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि दाम घटेंगे, तो इस खबर को जरूर पढ़ें. दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी है. अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड ऑयल 65.62 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड 68.93 डॉलर प्रति बैरल तक आ गया है. आम तौर पर जब कच्चे तेल की कीमतें गिरती हैं, तो पेट्रोल-डीजल सस्ता हो जाता है. लेकिन भारत में ऐसा नहीं दिख रहा है. कीमतें अभी भी वही हैं, और लोग सोच रहे हैं कि आखिर उन्हें इस गिरावट का फायदा कब मिलेगा.
दिल्ली और दूसरे शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के रेट लंबे समय से नहीं बदले हैं. 11 मार्च के ताजा अपडेट के मुताबिक, दिल्ली में पेट्रोल 94.77 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.67 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. वैसे, भारत में हर राज्य में पेट्रोल-डीजल की कीमत अलग-अलग होती है. इसका कारण है कि राज्य सरकारें अलग-अलग टैक्स लगाती हैं. यही वजह है कि कहीं पेट्रोल सस्ता मिलता है, तो कहीं महंगा.
सबसे सस्ता पेट्रोल कहां मिलता है?
अगर आप सोच रहे हैं कि भारत में सबसे सस्ता पेट्रोल कहां मिलेगा, तो इसका जवाब है – अंडमान और निकोबार. पोर्ट ब्लेयर में पेट्रोल की कीमत सिर्फ 82.46 रुपये प्रति लीटर है, जो दिल्ली से करीब 12 रुपये कम है. इसके अलावा, कुछ और शहरों में भी पेट्रोल सस्ता मिलता है:
- ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश) – 90.87 रुपये प्रति लीटर
- सिलवासा (दादरा और नगर हवेली) – 92.37 रुपये प्रति लीटर
- दमन (दमन और दीव) – 92.55 रुपये प्रति लीटर
- हरिद्वार (उत्तराखंड) – 92.78 रुपये प्रति लीटर
- देहरादून (उत्तराखंड) – 93.35 रुपये प्रति लीटर
अगर आप इन जगहों पर ट्रैवल कर रहे हैं, तो वहां पेट्रोल भरवाना सस्ता पड़ेगा.
डीजल सबसे सस्ता कहां मिल रहा है?
डीजल की बात करें, तो पोर्ट ब्लेयर में सबसे कम रेट हैं. यहां डीजल सिर्फ 78.05 रुपये प्रति लीटर है. इसके अलावा, कुछ और जगहों पर डीजल के रेट इस तरह हैं:
- इटानगर (अरुणाचल प्रदेश) – 80.38 रुपये प्रति लीटर
- जम्मू (जम्मू और कश्मीर) – 81.32 रुपये प्रति लीटर
- संबा (जम्मू और कश्मीर) – 81.58 रुपये प्रति लीटर
- चंडीगढ़ – 82.44 रुपये प्रति लीटर
- राजौरी (जम्मू और कश्मीर) – 82.64 रुपये प्रति लीटर
वैसे, जिन राज्यों में वैट कम है और सरकार सब्सिडी देती है, वहां डीजल सस्ता होता है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतें कैसे तय होती हैं?
अब सवाल उठता है कि जब कच्चे तेल की कीमतें गिर रही हैं, तो पेट्रोल-डीजल सस्ता क्यों नहीं हो रहा? दरअसल, भारत में पेट्रोल और डीजल के रेट कई चीजों पर निर्भर करते हैं:
- अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें: भारत अपनी जरूरत का 80% कच्चा तेल बाहर से मंगवाता है. इसलिए अगर इंटरनेशनल मार्केट में कीमतें बढ़ती हैं, तो भारत में भी असर पड़ता है.
- डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति: चूंकि कच्चा तेल डॉलर में खरीदा जाता है, तो अगर रुपये की कीमत गिरती है, तो तेल महंगा हो जाता है.
- सरकार के टैक्स: केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट लगाती हैं. ये टैक्स कई बार इतने ज्यादा होते हैं कि तेल सस्ता होने के बावजूद आम जनता को इसका फायदा नहीं मिलता.
- तेल कंपनियों का मार्जिन: सरकारी तेल कंपनियां जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम अपने खर्चों और मुनाफे के हिसाब से कीमतें तय करती हैं.
क्या पेट्रोल-डीजल सस्ता होगा?
हर कोई यही सोच रहा है कि क्या आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटेंगी? अभी तक तेल कंपनियों ने कीमतों में कोई कटौती नहीं की है. लेकिन अगर इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें और नीचे जाती हैं, तो भविष्य में कुछ राहत मिल सकती है.
इसके अलावा, अगर सरकार एक्साइज ड्यूटी और वैट कम करती है, तो भी कीमतें घट सकती हैं. लेकिन अब तक का ट्रेंड यही रहा है कि जब कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो पेट्रोल-डीजल के दाम तुरंत बढ़ जाते हैं. लेकिन जब कच्चे तेल की कीमतें गिरती हैं, तो दाम कम होने में समय लगता है. इसलिए हो सकता है कि आपको थोड़ा इंतजार करना पड़े.
दूसरे देशों में पेट्रोल-डीजल के रेट
अगर हम भारत की तुलना दुनिया के दूसरे देशों से करें, तो पता चलता है कि कई देशों में पेट्रोल-डीजल बहुत सस्ता है. कुछ देशों में पेट्रोल के रेट देखिए:
- अंगोला – 4.00 रुपये प्रति लीटर
- ईरान – 2.49 रुपये प्रति लीटर
- लीबिया – 2.67 रुपये प्रति लीटर
- वेनेजुएला – 3.05 रुपये प्रति लीटर
ये कीमतें भारत की तुलना में बहुत कम हैं, लेकिन इसकी वजह यह है कि ये देश खुद तेल का उत्पादन करते हैं और अपने नागरिकों को सब्सिडी देते हैं. भारत को बाहर से तेल खरीदना पड़ता है और सरकार भारी टैक्स लगाती है, इसलिए यहां कीमतें ज्यादा होती हैं.
फिलहाल, पेट्रोल-डीजल की कीमतें जस की तस बनी हुई हैं. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें गिर रही हैं, लेकिन भारतीय उपभोक्ताओं को इसका फायदा नहीं मिल रहा है. कीमतें तभी कम होंगी, जब सरकार टैक्स घटाएगी या तेल कंपनियां अपने मार्जिन में कटौती करेंगी. आने वाले दिनों में अगर कोई बड़ा फैसला लिया जाता है, तो आम आदमी को थोड़ी राहत मिल सकती है. तब तक इंतजार करना ही एकमात्र विकल्प है.