New Rules For Minimum Balance – अगर आप इन चार बड़े बैंकों के ग्राहक हैं, तो अब आपको अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना और भी जरूरी हो गया है। इन बैंकों ने मिनिमम बैलेंस को लेकर अपने नियमों में बदलाव किया है, जिसका असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा जो अपने खाते में तय रकम से कम बैलेंस रखते हैं। अगर ऐसा हुआ, तो आपको जुर्माना देना पड़ सकता है और बैंकिंग सुविधाओं में भी परेशानी आ सकती है। इसलिए, अगर आप बेवजह चार्ज से बचना चाहते हैं, तो अपने बैंक अकाउंट का बैलेंस चेक करते रहें और समय पर पैसा मेंटेन करें।
बैंकों में क्यों जरूरी है मिनिमम बैलेंस?
हर बैंक अपने ग्राहकों के लिए एक न्यूनतम राशि निर्धारित करता है, जिसे खाते में बनाए रखना जरूरी होता है। अगर यह राशि खाते में नहीं रहती, तो बैंक कुछ शुल्क वसूलता है और कई मामलों में खाता अस्थायी रूप से निष्क्रिय भी हो सकता है।
अब सवाल आता है कि अलग-अलग बैंकों के लिए मिनिमम बैलेंस कितना होना चाहिए और अगर आपके खाते में कम बैलेंस रहता है, तो कितना चार्ज देना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि इन बड़े बैंकों के नए नियम क्या हैं और आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) में मिनिमम बैलेंस कितना जरूरी?
SBI देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक है और इसके नियम ग्राहकों की लोकेशन के आधार पर तय होते हैं।
- अगर आपका अकाउंट मेट्रो सिटी या बड़े शहर में है, तो आपको कम से कम 3000 रुपये का बैलेंस रखना होगा।
- छोटे शहरों में मिनिमम बैलेंस 2000 रुपये रखा गया है।
- ग्रामीण क्षेत्रों के ग्राहकों के लिए यह सीमा 1000 रुपये तय की गई है।
अगर आपका बैलेंस इससे कम होता है, तो आपको 5 रुपये से 15 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है, साथ ही जीएसटी अलग से लागू होगा।
PNB (पंजाब नेशनल बैंक) के नए मिनिमम बैलेंस नियम
PNB ने भी अपने ग्राहकों के लिए अलग-अलग श्रेणियों में मिनिमम बैलेंस तय किया है।
- अगर आपका अकाउंट किसी शहरी क्षेत्र में है, तो आपको 2000 रुपये का बैलेंस बनाए रखना होगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों में यह सीमा 1000 रुपये तय की गई है।
अगर आपके खाते में यह बैलेंस नहीं है, तो बैंक तिमाही आधार पर जुर्माना लगाता है, जिससे बचने के लिए आपको अकाउंट बैलेंस मेंटेन करना जरूरी है।
HDFC बैंक में मिनिमम बैलेंस कितना होना चाहिए?
HDFC भारत का एक बड़ा निजी बैंक है और इसके मिनिमम बैलेंस नियम थोड़े सख्त माने जाते हैं।
- मेट्रो शहरों में अकाउंट रखने वाले ग्राहकों को 10,000 रुपये का बैलेंस रखना होगा।
- छोटे शहरों और अर्ध-शहरी इलाकों में यह सीमा 5000 रुपये है।
- ग्रामीण इलाकों के लिए बैंक ने 2500 रुपये से 5000 रुपये तक का बैलेंस जरूरी किया है।
अगर आपका बैलेंस तय सीमा से नीचे चला जाता है, तो बैंक 150 रुपये से 600 रुपये तक का जुर्माना वसूल सकता है।
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ICICI बैंक में मिनिमम बैलेंस को लेकर नए नियम
ICICI बैंक भी लोकेशन के आधार पर मिनिमम बैलेंस निर्धारित करता है।
- मेट्रो और बड़े शहरों के ग्राहकों को 10,000 रुपये तक का बैलेंस रखना होगा।
- छोटे और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में यह सीमा 2500 रुपये से 5000 रुपये तक है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक ने मिनिमम बैलेंस 1000 रुपये रखा है।
अगर ग्राहक इन नियमों का पालन नहीं करते, तो ICICI बैंक 100 रुपये से 500 रुपये तक की पेनल्टी लगा सकता है।
मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर क्या दिक्कतें हो सकती हैं?
अगर आप अपने खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रखते, तो सिर्फ जुर्माना ही नहीं, बल्कि कई और दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है।
- सबसे पहले, आपका अकाउंट अस्थायी रूप से निष्क्रिय हो सकता है, जिससे आपको बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल करने में परेशानी होगी।
- बार-बार पेनल्टी कटने की वजह से आपके खाते में बैलेंस और कम होता जाएगा और अंत में अकाउंट ओवरड्राफ्ट में चला सकता है।
- अगर खाते में न्यूनतम राशि नहीं होती, तो कई बार ऑटो-डेबिट ट्रांजैक्शन फेल हो सकते हैं, जिससे आपके बिल या ईएमआई पेमेंट अटक सकते हैं।
मिनिमम बैलेंस बनाए रखने के लिए क्या करें?
अगर आप अपने अकाउंट में बार-बार बैलेंस कम होने की समस्या से परेशान हैं, तो कुछ आसान तरीके अपनाकर इस परेशानी से बच सकते हैं।
- अपने बैंक की मोबाइल बैंकिंग और नेट बैंकिंग सर्विस का इस्तेमाल करें, जिससे आप अपने बैलेंस पर नजर रख सकें।
- अगर आपका अकाउंट किसी सैलरी अकाउंट के रूप में इस्तेमाल हो रहा है, तो कोशिश करें कि उसमें महीने की सैलरी आती रहे, जिससे बैलेंस बना रहे।
- जरूरत से ज्यादा अकाउंट खोलने से बचें और एक ही बैंक अकाउंट में फंड मेंटेन करने की आदत डालें।
- ऑटो-डेबिट सेवाएं चालू करें, ताकि समय-समय पर पैसे खाते में ट्रांसफर होते रहें और बैलेंस मेंटेन किया जा सके।
अगर आपका अकाउंट SBI, PNB, ICICI या HDFC बैंक में है, तो यह जरूरी है कि आप अपने खाते में मिनिमम बैलेंस बनाए रखें। इन नए नियमों के मुताबिक, अलग-अलग बैंकों में बैलेंस बनाए रखने की अलग-अलग शर्तें हैं और अगर आप इन्हें पूरा नहीं करते, तो आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है। इसलिए, अपने खाते की नियमित रूप से जांच करें और बैंकिंग सेवाओं में किसी भी तरह की रुकावट से बचने के लिए जरूरी बैलेंस बनाए रखें।