Multiple Bank Accounts – आजकल बैंकिंग हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुकी है। इंटरनेट बैंकिंग, यूपीआई और डिजिटल लेनदेन के इस दौर में लगभग हर किसी के पास कम से कम एक बैंक अकाउंट जरूर होता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पास दो या उससे ज्यादा बैंक अकाउंट होते हैं। कई बार जॉब बदलने पर नया अकाउंट खुल जाता है, तो कभी लोग अलग-अलग बैंकों की सुविधाओं को देखते हुए नए अकाउंट खोल लेते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ज्यादा बैंक अकाउंट रखना नुकसानदेह भी हो सकता है?
अगर आपके पास एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं, तो आपको कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हर अकाउंट को मेंटेन करना जरूरी होता है, जिससे आपका पैसा कई जगह बंट जाता है। इसके अलावा, बैंक कई तरह के चार्ज भी काटते हैं, जिससे आपका खर्चा बढ़ सकता है। चलिए, विस्तार से समझते हैं कि एक से ज्यादा बैंक अकाउंट रखने के क्या नुकसान हो सकते हैं।
हर अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होता है
बैंक अकाउंट को एक्टिव रखने के लिए उसमें मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होता है। हर बैंक की अपनी अलग-अलग नियम होते हैं, लेकिन आमतौर पर आपको कम से कम 5,000 से 10,000 रुपये तक का बैलेंस रखना होता है। अगर आपके पास 3-4 बैंक अकाउंट हैं, तो आपको हर अकाउंट में अलग से पैसा रखना पड़ेगा।
अब सोचिए, अगर आपने अपने 4 अकाउंट में 10,000 रुपये का बैलेंस रखा हुआ है, तो 40,000 रुपये सिर्फ बैंक में पड़े रहेंगे। आप इस पैसे को न तो इस्तेमाल कर सकते हैं और न ही इससे आपको कोई बड़ा फायदा होगा। अगर यही पैसा आप फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या म्यूचुअल फंड में निवेश करें, तो आपको इससे ज्यादा रिटर्न मिल सकता है।
मेंटेनेंस फीस और सर्विस चार्ज का बढ़ता खर्च
हर बैंक अकाउंट के साथ मेंटेनेंस फीस और सर्विस चार्ज भी जुड़ा होता है। चाहे आप अकाउंट का ज्यादा इस्तेमाल करें या नहीं, फिर भी बैंक सालाना डेबिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग, एसएमएस सर्विस और अन्य सुविधाओं के लिए चार्ज करता है।
अगर आपके पास 3 से 4 बैंक अकाउंट हैं, तो आपको हर साल कई तरह के चार्ज देने पड़ सकते हैं। यह राशि धीरे-धीरे आपके अकाउंट से कटती रहती है और आपको पता भी नहीं चलता। इस तरह आपके कई हजार रुपये सिर्फ चार्ज के रूप में खर्च हो जाते हैं।
क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ सकता है
अगर आपके एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं और आप सभी को प्रॉपर मेंटेन नहीं कर पा रहे हैं, तो इसका सीधा असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है।
- अगर किसी अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रखा गया, तो बैंक उस पर पेनल्टी लगा सकता है।
- बार-बार बैलेंस कम होने पर यह आपके क्रेडिट स्कोर को खराब कर सकता है।
- जब भी आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करेंगे, तो बैंक आपके क्रेडिट स्कोर को चेक करेगा। अगर स्कोर कम हुआ, तो लोन अप्रूव होने में दिक्कत हो सकती है।
इसलिए अगर आप भविष्य में होम लोन, पर्सनल लोन या कोई भी फाइनेंस सुविधा लेना चाहते हैं, तो आपको अपने बैंक अकाउंट को अच्छे से मैनेज करना होगा।
टैक्स भरने में दिक्कत हो सकती है
अगर आपके पास एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं, तो टैक्स फाइल करना भी मुश्किल हो सकता है।
- इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरते समय आपको अपने सभी बैंक अकाउंट की जानकारी देनी पड़ती है।
- अगर किसी अकाउंट का स्टेटमेंट छूट गया, तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस भी आ सकता है।
- हर अकाउंट की ट्रांजेक्शन हिस्ट्री को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है, जिससे टैक्स भरने की प्रक्रिया और पेचीदा हो जाती है।
इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने बैंक अकाउंट की संख्या सीमित रखें और उन्हीं को मेंटेन करें जो जरूरी हैं।
क्या करना चाहिए?
अगर आपके पास एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं और आपको लगता है कि इनका मेंटेनेंस मुश्किल हो रहा है, तो आप नीचे दिए गए टिप्स को फॉलो कर सकते हैं –
- ज़रूरत के हिसाब से अकाउंट चुनें – सिर्फ उन्हीं बैंक अकाउंट को रखें जो आपके लिए जरूरी हैं। बाकी अनावश्यक अकाउंट को बंद कर दें।
- पुराने अकाउंट को बंद करवाएं – अगर आपने नौकरी बदलने के बाद नया अकाउंट खोला है, तो पुराने सैलरी अकाउंट को सेविंग अकाउंट में बदलने की बजाय उसे बंद करवा दें।
- एक या दो बैंक अकाउंट से काम चलाएं – दो अकाउंट होने से भी आप अपने फाइनेंशियल मैनेजमेंट को सही तरीके से मेंटेन कर सकते हैं।
- ऑटोमेटिक पेमेंट सेट करें – मेंटेनेंस फीस, मिनिमम बैलेंस और अन्य चार्ज से बचने के लिए अपने जरूरी अकाउंट में ऑटोमेटिक बैलेंस ट्रांसफर सेट कर सकते हैं।
- क्रेडिट स्कोर को प्रभावित न होने दें – हर अकाउंट को एक्टिव रखें और उसमें समय-समय पर ट्रांजेक्शन करते रहें।
आज के समय में डिजिटल बैंकिंग बहुत सुविधाजनक हो गई है, लेकिन इसका सही इस्तेमाल करना भी जरूरी है। एक से ज्यादा बैंक अकाउंट होने से न सिर्फ आपका पैसा बंट जाता है, बल्कि आपको कई तरह के चार्ज और पेनल्टी भी झेलनी पड़ सकती है।
अगर आप अपने बैंक अकाउंट को सही तरीके से मैनेज नहीं कर पा रहे हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर और टैक्स फाइलिंग पर भी असर डाल सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने बैंक अकाउंट की संख्या सीमित रखें और सिर्फ उन्हीं को मेंटेन करें जो वाकई में जरूरी हैं।