Loan Rights – आजकल लोन लेना तो आसान हो गया है, लेकिन कई बार इसे चुकाने में परेशानी आने पर बैंक के वसूली एजेंटों की बदसलूकी का सामना करना पड़ता है। कई लोग बार-बार फोन कॉल, धमकियों या जबरदस्ती वसूली की शिकायत करते हैं। हालांकि, घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारतीय कानून और RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) आपके अधिकारों की रक्षा करता है। अगर आपको भी वसूली एजेंटों की बदसलूकी झेलनी पड़ रही है, तो जानिए कि कानून आपको क्या सुरक्षा देता है और आप क्या कर सकते हैं।
अगर बार-बार फोन कॉल से परेशान हैं तो जानिए अपने अधिकार
वसूली एजेंटों का लगातार फोन करना किसी के लिए भी मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। लेकिन इसके खिलाफ RBI ने सख्त नियम बनाए हैं।
- RBI के नियमों के अनुसार, वसूली एजेंट सुबह 7 बजे से रात 7 बजे तक ही कॉल कर सकते हैं।
- अगर कोई वसूली एजेंट बार-बार कॉल करता है, तो यह अनुचित व्यापार व्यवहार (Unfair Trade Practice) के तहत आता है।
- इसके खिलाफ बैंकिंग लोकपाल, उपभोक्ता फोरम या पुलिस में शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
क्या करें?
- सबसे पहले बैंक को लिखित शिकायत दें कि वसूली एजेंट आपको लगातार परेशान कर रहे हैं।
- अगर बैंक 30 दिनों में समाधान नहीं देता, तो RBI या बैंकिंग लोकपाल में शिकायत कर सकते हैं।
- DND (Do Not Disturb) सेवा एक्टिवेट करें। इसके लिए 1909 पर कॉल या SMS करें।
अगर वसूली एजेंट धमका रहे हैं या गाली दे रहे हैं?
कोई भी वसूली एजेंट आपको धमका नहीं सकता, गाली नहीं दे सकता या जबरदस्ती वसूली नहीं कर सकता।
- अगर कोई एजेंट आपको मानसिक या शारीरिक रूप से परेशान करता है, तो भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 503, 506 और 507 के तहत पुलिस में शिकायत कर सकते हैं।
- धमकी या गलत व्यवहार की ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग रखें ताकि सबूत के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।
- अगर कोई एजेंट आपको बदनाम करने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ मानहानि (Defamation) का मुकदमा दर्ज कर सकते हैं।
क्या करें?
- फोन कॉल या मैसेज का रिकॉर्ड रखें।
- अगर एजेंट गलत व्यवहार कर रहा है, तो बैंक को शिकायत दें और लिखित जवाब मांगें।
- अगर बैंक कोई कार्रवाई नहीं करता, तो पुलिस में IPC की धारा 503, 506 और 507 के तहत शिकायत दर्ज करें।
बैंक जबरदस्ती आपकी संपत्ति जब्त नहीं कर सकता
अगर आप लोन नहीं चुका पा रहे हैं, तो भी बैंक आपकी संपत्ति जबरदस्ती जब्त नहीं कर सकता।
- SARFAESI अधिनियम, 2002 के अनुसार, बैंक को पहले लिखित नोटिस भेजना जरूरी होता है।
- बिना नोटिस भेजे बैंक आपके घर या ऑफिस आकर जबरदस्ती वसूली नहीं कर सकता।
- अगर बैंक जबरदस्ती आपकी संपत्ति जब्त करने की कोशिश करे, तो आप कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं।
क्या करें?
- अगर बैंक आपको बिना नोटिस दिए प्रॉपर्टी जब्त करने की धमकी दे रहा है, तो इसकी शिकायत करें।
- अगर बैंक के वसूली एजेंट जबरदस्ती वसूली करने आ रहे हैं, तो अपने क्षेत्र के पुलिस स्टेशन में शिकायत करें।
- RBI या बैंकिंग लोकपाल से मदद लें।
अगर बैंक की गड़बड़ी हो तो कहां शिकायत करें?
अगर बैंक या वसूली एजेंट आपको परेशान कर रहे हैं और बैंक आपकी शिकायत नहीं सुन रहा, तो बैंकिंग लोकपाल या उपभोक्ता फोरम से शिकायत कर सकते हैं।
- बैंकिंग लोकपाल (Banking Ombudsman) बैंक से जुड़े विवादों को सुलझाने वाली एक स्वतंत्र संस्था है।
- अगर बैंक आपकी शिकायत पर 30 दिनों के अंदर जवाब नहीं देता, तो बैंकिंग लोकपाल में ऑनलाइन या लिखित शिकायत कर सकते हैं।
- उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
क्या करें?
- RBI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और बैंकिंग लोकपाल में शिकायत दर्ज करें।
- अगर बैंक दोषी पाया जाता है, तो वह आपको मुआवजा (Compensation) देने के लिए बाध्य होगा।
- उपभोक्ता फोरम में मामला दर्ज कर सकते हैं।
मानसिक उत्पीड़न और मानहानि पर कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं
अगर कोई वसूली एजेंट गाली-गलौज करता है, धमकाता है या सार्वजनिक रूप से अपमानित करता है, तो आप सिविल कोर्ट में मानहानि (Defamation) का केस कर सकते हैं।
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- मानसिक उत्पीड़न के लिए बैंक से हर्जाना (Compensation) मांग सकते हैं।
- IPC की धारा 294, 503, 506 और 507 के तहत FIR दर्ज कर सकते हैं।
क्या करें?
- अगर बार-बार कॉल या धमकी से मानसिक कष्ट हो रहा है, तो सिविल कोर्ट में केस दर्ज करें।
- अगर किसी ने सार्वजनिक रूप से आपको अपमानित किया है, तो मानहानि का केस करें।
- पुलिस शिकायत दर्ज कराकर कानूनी कार्रवाई करें।
अगर बैंक या एजेंट बदसलूकी करें तो पुलिस में शिकायत दर्ज करें
अगर कोई बैंक या वसूली एजेंट आपको धमकाता है, शारीरिक हिंसा करता है या अपमानित करता है, तो यह अपराध है।
- पुलिस में शिकायत दर्ज कर FIR दर्ज करवा सकते हैं।
- अगर पुलिस शिकायत दर्ज नहीं करती, तो आप SP ऑफिस या मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर सकते हैं।
क्या करें?
- फोन कॉल या बातचीत की रिकॉर्डिंग रखें।
- अपने क्षेत्र के पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत करें।
- अगर पुलिस मदद नहीं करती, तो आप SP ऑफिस या मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर सकते हैं।
अगर बैंक या वसूली एजेंट गलत तरीके से व्यवहार कर रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है।
संक्षेप में अपने अधिकार समझें:
- DND सेवा चालू करें (1909 पर कॉल करें)।
- बैंक को लिखित शिकायत दें और 30 दिन तक जवाब का इंतजार करें।
- बैंक जवाब नहीं देता, तो बैंकिंग लोकपाल या उपभोक्ता फोरम में शिकायत करें।
- धमकी या उत्पीड़न पर पुलिस में IPC की धारा 503, 506, 507 और 294 के तहत केस दर्ज कराएं।
- अगर बैंक जबरदस्ती संपत्ति जब्त करने की कोशिश करे, तो कोर्ट में केस करें।
- बैंक की गड़बड़ी पर RBI को रिपोर्ट करें।
अपने अधिकारों को जानें, जागरूक बनें और किसी भी गलत व्यवहार के खिलाफ मजबूती से खड़े रहें!