Loan EMI Update – अगर आप भी लोन की EMI चुकाने में दिक्कत का सामना कर रहे हैं, तो आपके लिए राहत भरी खबर है! हाईकोर्ट ने बैंकों की मनमानी पर रोक लगाने का बड़ा फैसला सुनाया है और लोन न चुका पाने वालों को एक बड़ी राहत दी है। अब बैंकों के लिए ग्राहकों पर बेवजह दबाव बनाना इतना आसान नहीं होगा।
हाईकोर्ट का फैसला – EMI नहीं भरी तो अब नहीं होगी मनमानी कार्रवाई!
बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को लेकर एक अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने साफ कहा कि लोन न चुकाने वाले लोगों की यात्रा पर रोक लगाने का अधिकार बैंकों को नहीं दिया जा सकता।
इस फैसले के बाद बैंकों द्वारा जारी किए गए सभी लुकआउट सर्कुलर (LOC) रद्द कर दिए जाएंगे। यानी, अब अगर किसी ने लोन लिया है और किसी कारणवश EMI नहीं भर पा रहा है, तो बैंक उस पर जबर्दस्ती यात्रा प्रतिबंध नहीं लगा सकेगा।
केंद्र सरकार की अपील खारिज, फैसला रहेगा लागू!
सरकार ने कोर्ट से इस फैसले पर रोक लगाने की अपील की थी, लेकिन हाईकोर्ट की बेंच ने इसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने साफ कहा कि यह फैसला उन सभी पर लागू होगा, जिन पर बैंक ने LOC जारी किया है।
इस फैसले से उन लाखों लोगों को राहत मिलेगी, जो आर्थिक तंगी के चलते अपनी EMI नहीं चुका पा रहे थे और जिन पर बैंक बेवजह दबाव बना रहे थे।
फैसले में क्या-क्या कहा गया?
✅ बैंक अब लोन न चुकाने पर लोगों की यात्रा पर रोक नहीं लगा सकते।
✅ बैंकों द्वारा जारी किए गए सभी लुकआउट सर्कुलर रद्द किए जाएंगे।
✅ यह आदेश केवल बैंकों के LOC पर लागू होगा, लेकिन किसी अन्य आपराधिक मामले को प्रभावित नहीं करेगा।
याचिकाकर्ताओं ने क्या कहा?
इस मामले को लेकर कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि देश की आर्थिक स्थिति और बैंकों के व्यक्तिगत फायदे को एक जैसा नहीं समझा जा सकता। सरकार का यह नियम गलत था, क्योंकि यह सीधे तौर पर नागरिकों की स्वतंत्रता का हनन करता था।
अब क्या करना चाहिए?
अगर आप भी किसी बैंक लोन की EMI नहीं चुका पाए हैं और बैंक ने आप पर LOC जारी किया है, तो अब आपकी यात्रा पर कोई रोक नहीं लगाई जा सकती। साथ ही, अगर बैंक आप पर अनावश्यक दबाव बना रहा है, तो आप इस फैसले का हवाला देकर अपनी बात रख सकते हैं।
यह फैसला लाखों लोनधारकों के लिए राहत भरी खबर है। हाईकोर्ट का यह कदम बैंकों की मनमानी पर लगाम लगाने और ग्राहकों को उनके अधिकार देने की दिशा में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है।