Income Tax Rules – अगर आप भी कैश में बड़े लेनदेन करते हैं, तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। सरकार अब डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए कैश पेमेंट पर सख्ती कर रही है। कुछ खास नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन न करने पर 100 फीसदी तक का जुर्माना लग सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बड़े कैश ट्रांजैक्शन पर पैनी नजर रखता है, ताकि टैक्स चोरी को रोका जा सके। इसलिए हर नागरिक को इन नियमों की जानकारी होनी चाहिए, जिससे किसी भी तरह की कानूनी परेशानी से बचा जा सके।
ज्यादा कैश ट्रांजैक्शन पर कितना लगेगा जुर्माना
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत कैश ट्रांजैक्शन की एक निश्चित लिमिट तय की गई है। अगर कोई व्यक्ति इस लिमिट से ज्यादा कैश में लेनदेन करता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने साफ कहा है कि अगर कोई व्यक्ति तय सीमा से अधिक का ट्रांजैक्शन कैश में करता है और पकड़ा जाता है, तो जितनी रकम कैश में दी गई होगी, उतना ही जुर्माना भी लगेगा।
इनकम टैक्स के कैश ट्रांजैक्शन से जुड़े अहम नियम
कई बार लोग इन नियमों से अनजान होते हैं और फिर गलती कर बैठते हैं। बाद में उन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि कैश ट्रांजैक्शन के इनकम टैक्स नियमों को समझा जाए।
सेक्शन 269SS: 20 हजार से ज्यादा कैश में लोन लेना मना
अगर आप किसी से लोन या डिपॉजिट कैश में लेते हैं और वह रकम 20,000 रुपये से ज्यादा है, तो यह नियम का उल्लंघन माना जाएगा।
यह नियम किन पर लागू नहीं होता
- बैंक, पोस्ट ऑफिस और को-ऑपरेटिव बैंक
- सरकार द्वारा संचालित कंपनियां और संस्थाएं
- यदि लोन देने और लेने वाले दोनों की आय टैक्स के दायरे में नहीं आती और वे कृषि से जुड़ी आय अर्जित कर रहे हैं
अगर नियम तोड़ा तो क्या होगा
अगर किसी ने 20,000 रुपये से ज्यादा कैश में लोन लिया या दिया, तो उसे जितनी रकम ली गई होगी, उतना ही जुर्माना भरना पड़ेगा।
सेक्शन 269ST: एक दिन में 2 लाख से ज्यादा कैश लेना मना
इस नियम के तहत, कोई भी व्यक्ति एक दिन में 2 लाख रुपये या उससे अधिक की रकम कैश में नहीं ले सकता।
यह नियम किन पर लागू होता है
- अगर किसी व्यक्ति को एक दिन में किसी अन्य व्यक्ति से 2 लाख रुपये से ज्यादा कैश मिलता है
- किसी शादी, जन्मदिन या अन्य किसी खास मौके पर 2 लाख से ज्यादा कैश लेना मना है
- एजुकेशनल इंस्टीट्यूट और अस्पतालों को फीस के रूप में 2 लाख रुपये से ज्यादा कैश नहीं लेना चाहिए
अगर नियम तोड़ा तो क्या होगा
अगर किसी व्यक्ति ने 2 लाख रुपये से ज्यादा कैश में लिया, तो उसे कैश में ली गई पूरी रकम के बराबर जुर्माना देना होगा।
सेक्शन 269T: लोन या डिपॉजिट का कैश में रीपेमेंट करना मना
अगर किसी ने 20,000 रुपये या उससे ज्यादा की रकम का रीपेमेंट कैश में किया, तो यह इनकम टैक्स नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।
यह नियम किन पर लागू नहीं होता
सरकार, बैंक और पोस्ट ऑफिस सेविंग्स बैंक
अगर नियम तोड़ा तो क्या होगा
अगर कोई 20,000 रुपये से ज्यादा कैश में रीपेमेंट करता है, तो उसे उतनी ही रकम का जुर्माना देना होगा।
सेक्शन 269SU: 50 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वालों को डिजिटल पेमेंट अनिवार्य
अगर किसी बिजनेस का सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से ज्यादा है, तो उसे डिजिटल पेमेंट के जरिए भुगतान स्वीकार करने की सुविधा देनी होगी।
अगर नियम तोड़ा तो क्या होगा
अगर कोई बिजनेस डिजिटल पेमेंट स्वीकार करने की सुविधा नहीं देता, तो उसे हर दिन 5000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
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सरकार क्यों बढ़ा रही है डिजिटल ट्रांजैक्शन पर जोर
सरकार का मकसद देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना और कैश पर निर्भरता कम करना है।
- डिजिटल ट्रांजैक्शन से टैक्स चोरी पर लगाम लगाई जा सकती है।
- इससे लेनदेन में पारदर्शिता बनी रहती है।
- कैश ट्रांजैक्शन पर रोक लगने से काले धन पर भी नियंत्रण किया जा सकता है।
- डिजिटल पेमेंट ज्यादा सुरक्षित और तेज होता है।
कैसे बच सकते हैं इन नियमों के उल्लंघन से
अगर आप नहीं चाहते कि आप पर कोई अतिरिक्त जुर्माना लगे, तो इन बातों का ध्यान रखें –
- बड़े ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल मोड अपनाएं – जितना संभव हो, नेट बैंकिंग, UPI या कार्ड पेमेंट का इस्तेमाल करें।
- एक बार में लिमिट से ज्यादा कैश का लेनदेन न करें – अगर आपको किसी को ज्यादा रकम देनी है, तो इसे कई किश्तों में ट्रांसफर करें।
- अपने बिजनेस में डिजिटल पेमेंट की सुविधा दें – अगर आपका टर्नओवर 50 करोड़ से ज्यादा है, तो डिजिटल भुगतान की सुविधा देना अनिवार्य है।
- इनकम टैक्स नियमों की जानकारी रखें – किसी भी बड़े ट्रांजैक्शन से पहले नियमों की जानकारी लेना बहुत जरूरी है।
सरकार अब कैश में ज्यादा लेनदेन पर सख्त हो रही है और नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 20,000 रुपये से ज्यादा का लोन या रीपेमेंट कैश में करना, एक दिन में 2 लाख रुपये से ज्यादा कैश लेना या 50 करोड़ रुपये से ज्यादा टर्नओवर वाले बिजनेस द्वारा डिजिटल पेमेंट की सुविधा न देना, इन सभी पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
अगर आप इन नियमों को समझकर अपना लेनदेन डिजिटल मोड में करेंगे, तो आपको न सिर्फ जुर्माने से बचने में मदद मिलेगी, बल्कि यह तेज, आसान और सुरक्षित भी रहेगा।