Income Tax Guidelines – आजकल हर किसी के पास बैंक अकाउंट होता है और ज्यादातर लोग अपनी सेविंग्स को सुरक्षित रखने के लिए बैंक में ही जमा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप अपने बैंक अकाउंट में ज्यादा कैश जमा करते हैं, तो आपको भारी टैक्स देना पड़ सकता है? जी हां, इनकम टैक्स विभाग ने कुछ नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनके तहत अगर आपके पास जमा किए गए पैसों का सोर्स नहीं है, तो आपको 60% तक का टैक्स भरना पड़ सकता है।
इस आर्टिकल में हम आपको इनकम टैक्स की इन गाइडलाइंस के बारे में पूरी जानकारी देंगे ताकि आप किसी भी तरह की परेशानी से बच सकें।
कैश डिपॉजिट पर 60% टैक्स क्यों लगेगा?
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 68 के अनुसार, अगर आप अपने बैंक अकाउंट में बड़ी मात्रा में कैश जमा करते हैं और इसका सोर्स नहीं बता पाते, तो इनकम टैक्स विभाग आपसे 60% तक का टैक्स वसूल सकता है।
सरकार की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोग डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करें और कैश का उपयोग कम से कम करें। यही वजह है कि सरकार ने कैश ट्रांजेक्शन पर कई तरह की सीमाएं तय कर दी हैं, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और अवैध लेन-देन पर रोक लगाई जा सके।
10 लाख से ज्यादा कैश जमा करने पर देनी होगी जानकारी
अगर आप एक वित्त वर्ष (1 अप्रैल से 31 मार्च) के दौरान अपने बचत खाते (Savings Account) में 10 लाख रुपए से ज्यादा जमा करते हैं, तो आपको इसकी जानकारी इनकम टैक्स अधिकारियों को देनी होगी।
वहीं, चालू खाते (Current Account) के लिए यह सीमा 50 लाख रुपए है। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको तुरंत टैक्स भरना पड़ेगा, लेकिन अगर आप सही डॉक्युमेंट्स दिखाकर यह साबित नहीं कर पाए कि यह पैसा कहां से आया है, तो आप पर टैक्स लगाया जा सकता है।
इसलिए, अगर आप अपने बैंक अकाउंट में ज्यादा पैसे जमा कर रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि आप उसका सोर्स प्रूफ कर सकें।
धारा 194N: बैंक से ज्यादा कैश निकालने पर भी कटेगा टैक्स
अगर आप सोच रहे हैं कि बैंक में पैसा जमा करने पर तो टैक्स लगेगा, तो चलिए हम आपको बताते हैं कि बैंक से पैसे निकालने पर भी टैक्स कट सकता है।
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 194N के अनुसार:
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- अगर आप एक साल में अपने बैंक अकाउंट से 1 करोड़ रुपए से ज्यादा निकालते हैं, तो बैंक 2% TDS काटेगा।
- अगर आपने पिछले तीन सालों से इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) नहीं भरा है, तो यह सीमा घटकर 20 लाख रुपए हो जाएगी। यानी 20 लाख से ज्यादा निकालने पर 2% TDS और 1 करोड़ से ज्यादा निकालने पर 5% TDS देना होगा।
यानी, अगर आप नियमित रूप से अपना ITR फाइल कर रहे हैं, तो आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर आप टैक्स से बचने की कोशिश कर रहे हैं, तो आपको परेशानी हो सकती है।
कैश डिपॉजिट को लेकर क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
अगर आप बड़े अमाउंट में कैश डिपॉजिट करने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
- हमेशा कैश का सोर्स स्पष्ट रखें – अगर इनकम टैक्स विभाग आपसे पूछे कि यह पैसा कहां से आया है, तो आपके पास सही डॉक्युमेंट्स होने चाहिए।
- बिजनेस ट्रांजेक्शन और पर्सनल अकाउंट को अलग रखें – अगर आप बिजनेस के पैसे को अपने पर्सनल अकाउंट में रखते हैं, तो यह गड़बड़ी हो सकती है।
- 10 लाख की लिमिट से बचें – अगर आपको ज्यादा पैसे जमा करने हैं, तो इसे छोटे-छोटे हिस्सों में जमा करें या डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करें।
- ITR फाइल करना न भूलें – अगर आप समय पर ITR फाइल कर रहे हैं, तो आपको टैक्स नियमों में ढील मिल सकती है।
सरकार का इरादा क्या है?
सरकार का मकसद लोगों को डिजिटल पेमेंट की तरफ बढ़ावा देना है ताकि कैश लेन-देन से होने वाली टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग को रोका जा सके। यही वजह है कि सरकार ने बैंकिंग ट्रांजेक्शन को पारदर्शी बनाने के लिए इन सख्त नियमों को लागू किया है।
अगर आप बड़े अमाउंट में कैश डिपॉजिट या निकासी कर रहे हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास उसकी सही जानकारी और डॉक्युमेंट्स मौजूद हों। वरना, आपको भारी टैक्स का सामना करना पड़ सकता है।
अगर आप भी अपने बैंक अकाउंट में ज्यादा कैश जमा करने की सोच रहे हैं, तो इन नियमों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। 10 लाख रुपए से ज्यादा कैश जमा करने पर आपको इनकम टैक्स अधिकारियों को जानकारी देनी होगी, और अगर आप इसका सही सोर्स नहीं बता पाए, तो 60% तक टैक्स भरना पड़ सकता है।
साथ ही, अगर आप बैंक से 1 करोड़ रुपए से ज्यादा निकालते हैं, तो आपको TDS भी देना होगा। इसलिए, बेहतर होगा कि आप अपने बैंकिंग ट्रांजेक्शन को प्लान करें और जहां तक हो सके, डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करें।
अगर आप सही तरीके से अपने पैसे का हिसाब रखते हैं और समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं, तो आपको इन नियमों से कोई डरने की जरूरत नहीं है।