Cheque Bounce – आजकल डिजिटल पेमेंट का जमाना है, लेकिन चेक का इस्तेमाल अब भी कई जगहों पर होता है। बड़े ट्रांजैक्शन, सरकारी कामकाज या बिजनेस डील में चेक की जरूरत पड़ती ही है। लेकिन अगर चेक भरते वक्त छोटी-छोटी गलतियां कर दीं, तो वो बाउंस हो सकता है, जिससे आपको परेशानी हो सकती है। बैंक पेनल्टी लगा सकता है, आपका ट्रांजैक्शन रुक सकता है और कुछ मामलों में कानूनी झंझट भी हो सकता है।
इसलिए अगर आप चेक का इस्तेमाल करते हैं, तो इन 8 गलतियों से जरूर बचें।
राशि के बाद ‘ओनली’ न लिखना
जब भी चेक पर रकम लिखें, तो उसके आगे ‘ओनली’ जरूर जोड़ें। जैसे, अगर आप पांच लाख का चेक भर रहे हैं, तो उसे ‘Five Lakhs Only’ लिखें। साथ ही, अंकों में लिखी राशि के आगे तिरछा डंडा (/) जरूर लगाएं, जैसे ‘500000/’। इससे कोई भी धोखाधड़ी नहीं कर सकता। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो कोई शरारती व्यक्ति आपके चेक में अतिरिक्त अंक जोड़कर रकम बढ़ा सकता है।
खाली चेक पर हस्ताक्षर करना
जल्दीबाजी में या भरोसे में आकर खाली चेक पर साइन करने की गलती बिल्कुल न करें। अगर आपने किसी को खाली चेक दे दिया, तो वो उस पर अपनी मनचाही रकम भर सकता है। अगर किसी को मजबूरी में चेक देना ही है, तो उसे ‘अकाउंट पेयी’ कर दें, ताकि वो सिर्फ बैंक खाते में ही जमा हो सके।
सही हस्ताक्षर न करना
अगर आपके सिग्नेचर बैंक रिकॉर्ड से मैच नहीं करते, तो आपका चेक बाउंस हो सकता है। अक्सर ऐसा तब होता है जब लोग जल्दबाजी में या किसी और स्टाइल में साइन कर देते हैं। अगर आपके हस्ताक्षर समय के साथ बदल गए हैं, तो बैंक जाकर उन्हें अपडेट करवाएं।
सही तारीख न लिखना
चेक पर सही तारीख डालना बहुत जरूरी है। अगर आप छह महीने पुरानी तारीख का चेक देते हैं, तो बैंक उसे स्वीकार नहीं करेगा। वहीं, भविष्य की तारीख वाला (पोस्ट-डेटेड) चेक उसी तारीख के बाद ही कैश हो सकेगा। इसलिए तारीख लिखते समय ध्यान दें कि कोई गलती न हो।
सही पेन का इस्तेमाल न करना
चेक भरते समय हमेशा परमानेंट इंक वाला पेन ही इस्तेमाल करें। कई बार लोग साधारण पेन से लिखते हैं, जिसकी स्याही मिटाई जा सकती है। इससे धोखाधड़ी का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही, चेक की लिखावट साफ और पढ़ने में आसान होनी चाहिए।
खाते में पर्याप्त बैलेंस न होना
यह चेक बाउंस होने की सबसे आम वजह है। जब भी किसी को चेक दें, पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपके खाते में उतना बैलेंस हो, जितना चेक में लिखा है। अगर बैलेंस कम हुआ, तो चेक बाउंस हो सकता है और बैंक आपसे चार्ज भी ले सकता है। कई मामलों में कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
पोस्ट-डेटिंग चेक में सावधानी न बरतना
पोस्ट-डेटेड चेक का मतलब होता है कि चेक पर भविष्य की तारीख लिखकर देना। ऐसा तब किया जाता है जब आपके खाते में पैसे थोड़ी देर बाद आने वाले हों। लेकिन ध्यान रखें कि जिस तारीख को चेक जमा होगा, तब खाते में पर्याप्त बैलेंस होना जरूरी है, वरना चेक बाउंस हो सकता है।
चेक नंबर का रिकॉर्ड न रखना
हर चेक का एक नंबर होता है, जिसे आपको जरूर नोट करके रखना चाहिए। जब भी किसी को चेक दें, उसका नंबर, राशि और तारीख लिखकर रख लें। इससे अगर कोई दिक्कत होती है, तो आप आसानी से उसका ट्रैक रख सकते हैं।
अतिरिक्त सावधानियां
- अपनी चेकबुक को सुरक्षित जगह पर रखें और इसे किसी अनजान व्यक्ति के हाथ में न लगने दें।
- अगर चेकबुक खो जाए, तो तुरंत बैंक को सूचित करें ताकि वो उसे ब्लॉक कर सके।
- चेक पर कोई खाली जगह न छोड़ें। अगर कोई खाली स्पेस हो, तो उसे लाइन से काट दें ताकि कोई उसमें कुछ न लिख सके।
- ओवरराइटिंग या काट-छांट से बचें। अगर गलती हो जाए, तो उसके पास अपने साइन कर दें।
- बड़ी रकम के लिए हमेशा ‘अकाउंट पेयी’ चेक जारी करें, जिससे वो सिर्फ बैंक अकाउंट में जमा हो सके।
चेक से पेमेंट करना आसान और सुरक्षित है, लेकिन इसके लिए थोड़ी सतर्कता जरूरी है। छोटी-छोटी सावधानियों से आप अपने चेक को बाउंस होने से बचा सकते हैं और कानूनी परेशानियों से भी बच सकते हैं। अगली बार जब भी चेक भरें, इन सभी बातों का ध्यान रखें और अपने वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित बनाएं।