Advertisement
Advertisements

अब चेक बाउंस करना पड़ेगा भारी! नए नियम के तहत होगी बड़ी कार्रवाई Check Bounce Guidelines

Advertisements

Check Bounce Guidelines – आजकल पैसों का लेन-देन कई तरीकों से किया जाता है – कभी कैश में, कभी ऑनलाइन ट्रांसफर से और कभी चेक के जरिए। चेक का इस्तेमाल आमतौर पर बड़ी रकम के भुगतान के लिए किया जाता है, लेकिन अगर चेक बाउंस हो जाए तो यह एक बड़ी कानूनी समस्या बन सकती है।

चेक बाउंस सिर्फ बैंकिंग का मसला नहीं बल्कि एक कानूनी अपराध भी है। इसलिए, अगर आप भी चेक से लेन-देन करते हैं, तो इसके नियमों को समझना बहुत जरूरी है। कई लोग चेक बाउंस के कारण कोर्ट-कचहरी के चक्कर काट रहे हैं और जुर्माना तक भर रहे हैं। कुछ मामलों में तो जेल भी जाना पड़ सकता है।

Advertisements

अगर आप इस झंझट से बचना चाहते हैं, तो इस लेख में बताए गए जरूरी नियमों को जरूर जान लें।

Also Read:
DA Hike 2025 सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! महंगाई भत्ते पर लगी मुहर, सैलरी में इतना बढ़ेगा इजाफा DA Hike 2025

क्यों बाउंस होता है चेक?

चेक बाउंस होने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे आम वजह है खाते में पर्याप्त बैलेंस न होना। अगर आपने चेक काटा है और खाते में उतनी रकम नहीं है, तो बैंक चेक को रिजेक्ट कर देता है।

Advertisements

इसके अलावा, कई और वजहें भी चेक बाउंस का कारण बन सकती हैं:

  1. सिग्नेचर मैच न करना: अगर चेक पर किया गया सिग्नेचर बैंक में दर्ज सिग्नेचर से मेल नहीं खाता, तो चेक रिजेक्ट हो जाएगा।
  2. गलत जानकारी: चेक में राशि शब्दों और अंकों में अलग-अलग लिखी हो, तो भी बैंक इसे अस्वीकार कर सकता है।
  3. ओवरराइटिंग या कटिंग: अगर चेक पर कहीं कटिंग या सुधार किया गया है, तो यह बैंक द्वारा अमान्य कर दिया जाता है।
  4. गलत तारीख: या तो चेक में कोई तारीख नहीं होती, या फिर भविष्य की कोई तारीख डाल दी जाती है, जिससे चेक बाउंस हो सकता है।
  5. खाता बंद होना: अगर जिस खाते से चेक जारी किया गया है, वह बंद हो चुका है, तो चेक कैश नहीं हो पाएगा।
  6. कंपनी की मोहर न होना: अगर चेक किसी कंपनी का है और उस पर कंपनी की अधिकृत मोहर नहीं लगी है, तो बैंक इसे अस्वीकार कर सकता है।

बैंक की कार्रवाई जब चेक बाउंस हो जाता है

जब कोई चेक बाउंस होता है, तो सबसे पहले बैंक चेक जमा करने वाले को इसकी जानकारी देता है। इसके साथ ही, बैंक एक “चेक रिटर्न मेमो” जारी करता है, जिसमें चेक बाउंस होने की वजह लिखी होती है।

Advertisements
Also Read:
RBI Loan Rules RBI का सख्त एक्शन! लोन लेने वालों के हक में बड़ा फैसला, बैंकों को जारी हुए नए नियम RBI Loan Rules
  • बैंक चेक जमा करने वाले से एक शुल्क भी लेता है, जो आमतौर पर 150 रुपये से 800 रुपये तक हो सकता है।
  • जिस व्यक्ति ने चेक जारी किया है, बैंक उससे भी यही शुल्क वसूल सकता है।
  • बार-बार चेक बाउंस होने पर बैंक खाते को “एट रिस्क” श्रेणी में डाल सकता है।

इसके अलावा, बैंक क्रेडिट ब्यूरो को भी रिपोर्ट कर सकता है, जिससे क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है। अगर क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है, तो भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।

क्या कहता है कानून?

भारत में चेक बाउंस के मामलों को बहुत गंभीरता से लिया जाता है। नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत यह एक आपराधिक अपराध माना जाता है।

Advertisements

अगर किसी व्यक्ति का चेक बाउंस होता है, तो:

Also Read:
New Trains रेलवे का बड़ा तोहफा! मार्च 2025 से दौड़ेंगी 10 नई ट्रेनें, जानें रूट और बुकिंग डिटेल्स New Trains
  • चेक जमा करने वाला कानूनी नोटिस भेज सकता है, जिसमें चेक काटने वाले से 30 दिनों के अंदर राशि चुकाने की मांग की जाती है।
  • अगर 15 दिनों के भीतर भुगतान नहीं किया गया, तो कोर्ट में केस दर्ज किया जा सकता है।
  • केस दर्ज करने के लिए नोटिस भेजने के 30 दिनों के अंदर मामला कोर्ट में दाखिल करना जरूरी होता है।

अगर कोर्ट में व्यक्ति दोषी साबित होता है, तो:

Advertisements
  • 2 साल तक की जेल हो सकती है।
  • चेक की राशि का दोगुना जुर्माना भरना पड़ सकता है।
  • कुछ मामलों में दोनों सजा एक साथ दी जा सकती है।

अगर जुर्माना भरने से इनकार किया जाता है, तो अतिरिक्त जेल की सजा भी दी जा सकती है।

कैसे बच सकते हैं चेक बाउंस से?

अगर आप नहीं चाहते कि आपका चेक बाउंस हो और आपको कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़े, तो इन सावधानियों को अपनाएं:

Also Read:
Driving License New Rules ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हुआ आसान! बिना आरटीओ गए ऐसे करें घर बैठे आवेदन Driving License New Rules
  1. हमेशा सुनिश्चित करें कि खाते में पर्याप्त बैलेंस हो।
  2. चेक लिखते समय गलती न करें, साफ और सही जानकारी भरें।
  3. सही तारीख डालें और भविष्य की तारीख देने से बचें।
  4. सिग्नेचर वही करें जो बैंक के रिकॉर्ड में है।
  5. कभी भी खाली चेक पर साइन न करें और न ही किसी को दें।
  6. अगर पोस्ट-डेटेड चेक दे रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि उस तारीख तक पैसे मौजूद होंगे।
  7. अगर चेक बाउंस होने की संभावना है, तो पहले ही चेक लेने वाले से बात करें और कोई समाधान निकालें।

आज के समय में UPI, NEFT और RTGS जैसे डिजिटल भुगतान के विकल्प भी उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग करके चेक बाउंस जैसी परेशानी से बचा जा सकता है।

अगर चेक बाउंस हो जाए तो क्या करें?

अगर आपका चेक बाउंस हो गया है और आपको नोटिस मिल चुका है, तो घबराने की जरूरत नहीं है।

  • सबसे पहले, चेक लेने वाले से बात करें और समझौता करने की कोशिश करें।
  • अगर संभव हो, तो राशि का तुरंत भुगतान कर दें ताकि मामला कोर्ट तक न पहुंचे।
  • अगर एक साथ भुगतान संभव नहीं है, तो किश्तों में भुगतान का विकल्प दें।
  • अगर केस कोर्ट तक चला जाता है, तो किसी अच्छे वकील से सलाह लें।
  • अगर आप साबित कर सकते हैं कि चेक सिर्फ गारंटी के तौर पर दिया गया था और यह कर्ज चुकाने के लिए नहीं था, तो यह आपका बचाव हो सकता है।

कोर्ट-कचहरी के चक्कर में पड़ने से अच्छा है कि मामला आपसी सहमति से सुलझा लिया जाए।

Also Read:
Post Office Scheme पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में ₹2 लाख जमा करें और पाएं ₹29,000 फिक्स ब्याज Post Office Scheme

चेक बाउंस होना एक गंभीर मुद्दा है, जिससे बचने के लिए सावधानी बरतनी जरूरी है। अगर आपका चेक बाउंस हो गया है, तो तुरंत समाधान निकालें, भुगतान करें और कानूनी पचड़े से बचें।

अगर आप चाहते हैं कि आपको भविष्य में ऐसी परेशानी न हो, तो डिजिटल भुगतान के विकल्पों पर भी विचार करें और हमेशा अपने खाते में पर्याप्त बैलेंस बनाए रखें।

Also Read:
Scheduled Caste Removal बड़ी खबर! SC लिस्ट से हटेंगी ये 3 जातियां, केंद्र सरकार को भेजा गया पत्र Scheduled Caste Removal

Leave a Comment

Whatsapp Group