Bijli Bill Discount – सरकार ने अब सभी सरकारी कार्यालयों में पुराने बिजली मीटर हटाकर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला कर लिया है। इससे बिजली बिल बकाया की समस्या खत्म होगी और पेमेंट प्रोसेस आसान बन जाएगा। खास बात ये है कि सरकार एडवांस पेमेंट करने पर रिबेट और ब्याज में छूट भी दे रही है। यानी जो सरकारी विभाग पहले से बिल भर देंगे, उन्हें कुछ फायदे मिलेंगे। इस फैसले से बिजली कंपनियों को बार-बार बकाया बिल के रिमाइंडर भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
नया स्मार्ट मीटर लगाने के लिए बकाया बिल चुकाना जरूरी
ऊर्जा विभाग के बड़े अधिकारियों ने सभी सरकारी विभागों को निर्देश दिया है कि नया स्मार्ट मीटर लगाने से पहले पुराने सारे बिल चुकाने होंगे। अगर किसी सरकारी दफ्तर पर बिजली का बकाया है, तो उसे स्मार्ट मीटर नहीं मिलेगा। इसके अलावा, सभी सरकारी ऑफिसों को सबसे ज्यादा आए महीने के बिजली बिल से दोगुना एडवांस पेमेंट करना होगा। इससे स्मार्ट मीटर में रिचार्ज अमाउंट एडजस्ट होकर बिजली सप्लाई बिना रुके चलती रहेगी।
सरकारी विभागों को क्या-क्या फायदे मिलेंगे?
- अगर कोई ऑफिस 6 महीने का एडवांस पेमेंट करता है, तो उसे स्पेशल रिबेट और ब्याज में छूट मिलेगी।
- अगर किसी वजह से रिचार्ज बैलेंस खत्म हो जाता है, तब भी 6 महीने तक कनेक्शन काटा नहीं जाएगा।
आम उपभोक्ताओं को भी मिल सकती है राहत
सिर्फ सरकारी विभाग ही नहीं, बल्कि सरकार आम लोगों के लिए भी छूट देने की योजना बना रही है। सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक बिजली इस्तेमाल करने पर 20% तक की छूट मिल सकती है। इसके अलावा:
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- बड़े उपभोक्ताओं (जिनका बिजली बिल ज्यादा आता है) के लिए भी छूट के नियम बनाए जा सकते हैं।
- स्मार्ट मीटर से सटीक बिलिंग होगी और बिजली की खपत पर नजर रखना आसान हो जाएगा।
- बिजली चोरी और गलत बिलिंग की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
स्मार्ट मीटर कैसे काम करेगा?
स्मार्ट मीटर एकदम मोबाइल फोन के प्रीपेड प्लान की तरह काम करेगा। इसमें:
- उपभोक्ताओं को पहले से रिचार्ज करना होगा, तभी बिजली सप्लाई मिलेगी।
- अगर बैलेंस खत्म हुआ, तो तुरंत रिचार्ज करना पड़ेगा, वरना बिजली कट सकती है।
- स्मार्टफोन ऐप या ऑनलाइन पोर्टल से रियल-टाइम बिजली खपत देखी जा सकेगी।
- बिजली कंपनियों को मीटर रीडिंग लेने की झंझट नहीं रहेगी और पूरा सिस्टम पारदर्शी होगा।
मध्य प्रदेश में क्या स्थिति है?
मध्य प्रदेश में फिलहाल 1.26 करोड़ घरेलू उपभोक्ता हैं, जिनमें से 11 लाख घरों में पहले ही स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। सरकार का पहला लक्ष्य 35 लाख घरों तक स्मार्ट मीटर पहुंचाने का है। इस योजना से प्रदेश में बेहतर बिजली आपूर्ति और बिलिंग सिस्टम तैयार होगा।
स्मार्ट मीटर के फायदे और नुकसान
✅ फायदे:
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- उपभोक्ता अपने बिजली खर्च को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकेंगे।
- बिजली चोरी पर रोक लगेगी और कंपनियों को घाटा नहीं होगा।
- बिलिंग सिस्टम पारदर्शी होगा, जिससे गलत बिल आने की दिक्कत नहीं रहेगी।
- बिजली की अनावश्यक खपत पर कंट्रोल किया जा सकेगा।
❌ नुकसान:
- गांवों में इंटरनेट की दिक्कत से कुछ उपभोक्ताओं को परेशानी हो सकती है।
- स्मार्ट मीटर लगाने का शुरुआती खर्च ज्यादा हो सकता है।
- कम डिजिटल साक्षरता वाले उपभोक्ताओं को ऑनलाइन पेमेंट और रिचार्ज की आदत डालनी पड़ेगी।
स्मार्ट मीटर योजना से सरकारी दफ्तरों और आम उपभोक्ताओं दोनों को फायदा होगा। बिलिंग सिस्टम ज्यादा पारदर्शी और आसान बनेगा, साथ ही बिजली चोरी जैसी दिक्कतें भी कम होंगी। हां, शुरुआती खर्च और डिजिटल सिस्टम से अनजान लोगों के लिए थोड़ी परेशानी हो सकती है, लेकिन लंबे समय में ये सिस्टम सबके लिए फायदेमंद साबित होगा।
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