Banking News – अगर आपका खाता भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक या बैंक ऑफ बड़ौदा में है, तो आपके लिए यह खबर बहुत जरूरी है। एक अप्रैल दो हजार पच्चीस से बैंकिंग नियमों में बदलाव किया जा रहा है, जिससे आपके बैंकिंग अनुभव पर असर पड़ेगा।
यह नए नियम भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश पर लागू किए जा रहे हैं, ताकि बैंकिंग सेवाओं को अधिक सुरक्षित और प्रभावी बनाया जा सके। अगर आप समय रहते इन बदलावों को समझकर अपने खाते में जरूरी अपडेट नहीं करते हैं, तो आपको बैंकिंग सेवाओं में परेशानी हो सकती है।
यहां आसान भाषा में इन नए नियमों की जानकारी दी जा रही है, ताकि आप समय रहते खुद को अपडेट कर सकें।
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न्यूनतम बैलेंस का नया नियम
अब से बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य होगा। अगर आपके खाते में तय सीमा से कम बैलेंस हुआ, तो बैंक आपसे पेनल्टी ले सकता है।
नए नियम इस प्रकार होंगे
एसबीआई
- शहरी क्षेत्र में तीन हजार रुपये
- अर्ध शहरी क्षेत्र में दो हजार रुपये
- ग्रामीण क्षेत्र में एक हजार रुपये
पीएनबी
- शहरी क्षेत्र में तीन हजार पांच सौ रुपये
- अर्ध शहरी क्षेत्र में दो हजार पांच सौ रुपये
- ग्रामीण क्षेत्र में एक हजार पांच सौ रुपये
बीओबी
- शहरी क्षेत्र में चार हजार रुपये
- अर्ध शहरी क्षेत्र में तीन हजार रुपये
- ग्रामीण क्षेत्र में दो हजार रुपये
अगर खाते में तय सीमा से कम बैलेंस हुआ, तो बैंक आपसे दस रुपये से लेकर सौ रुपये तक पेनल्टी वसूल सकता है। यह राशि खाते के प्रकार और बैलेंस के आधार पर तय होगी।
बचने का तरीका
- अपने खाते में हमेशा न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें।
- अगर आपके खाते में ज्यादा बैलेंस रखना संभव नहीं है, तो दूसरे बैंकिंग विकल्पों पर विचार करें।
चेक भुगतान प्रणाली में बदलाव
अगर आप पचास हजार रुपये से ज्यादा का चेक जारी करते हैं, तो आपको बैंक को पहले ही इसकी जानकारी देनी होगी।
नए नियम के तहत क्या बदलने वाला है
- पचास हजार रुपये से अधिक के चेक पर अब सकारात्मक भुगतान प्रणाली लागू होगी, जिसे पॉजिटिव पे सिस्टम भी कहा जाता है।
- चेक जारी करने से पहले ग्राहक को एसएमएस, नेट बैंकिंग या मोबाइल ऐप के माध्यम से बैंक को इसकी जानकारी देनी होगी।
- अगर चेक की जानकारी इस प्रणाली में अपडेट नहीं की गई, तो बैंक उस चेक को अस्वीकार कर सकता है।
इस बदलाव के फायदे
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- चेक धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी।
- बैंकिंग लेनदेन पहले से ज्यादा सुरक्षित होंगे।
- बैंकिंग प्रणाली को डिजिटल रूप से मजबूत बनाया जा सकेगा।
क्या करना चाहिए
- अगर आप बड़े अमाउंट का चेक जारी कर रहे हैं, तो बैंक को पहले से सूचित करें।
- भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के ग्राहक मोबाइल ऐप या नेट बैंकिंग से सीधे इस प्रणाली का उपयोग कर सकते हैं।
निष्क्रिय खातों पर नया नियम
अगर आपने पिछले चौबीस महीनों में अपने बैंक खाते में कोई लेनदेन नहीं किया है, तो बैंक उस खाते को निष्क्रिय घोषित कर सकता है।
निष्क्रिय खाता होने के नुकसान
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- आप उस खाते से न तो पैसे निकाल सकते हैं और न ही जमा कर सकते हैं।
- यूपीआई, एटीएम और नेट बैंकिंग सेवाएं बंद हो जाएंगी।
- अगर आपको खाता फिर से चालू करवाना है, तो अतिरिक्त दस्तावेज देने पड़ सकते हैं।
कैसे बचें
- हर छह महीने में कम से कम एक बार खाते में लेनदेन करें।
- खाते को सक्रिय रखने के लिए सौ से दो सौ रुपये का छोटा ट्रांजेक्शन करें।
- अगर आपका खाता निष्क्रिय हो गया है, तो बैंक में जाकर केवाईसी अपडेट कराएं।
बैंक खातों में नामांकन जोड़ना अनिवार्य
अब अगर आपके बैंक खाते में उत्तराधिकारी या नॉमिनी नहीं जोड़ा गया है, तो एक अप्रैल दो हजार पच्चीस के बाद आपका खाता ब्लॉक हो सकता है।
नॉमिनी जोड़ने के फायदे
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- अगर खाताधारक के साथ कोई अनहोनी हो जाती है, तो परिवार के लोगों को पैसा निकालने में कोई परेशानी नहीं होगी।
- उत्तराधिकारी को बिना कानूनी झंझट के बैंक से पैसा मिल सकेगा।
- बैंक खाता किसी अनजान व्यक्ति के हाथ में जाने से बच जाएगा।
क्या करना चाहिए
- इकतीस मार्च दो हजार पच्चीस से पहले अपने बैंक खाते में नॉमिनी जोड़ें।
- इसके लिए बैंक की शाखा में जाकर फॉर्म भरें या नेट बैंकिंग से अपडेट करें।
एक अप्रैल दो हजार पच्चीस से भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में कई बड़े बदलाव किए जा रहे हैं, जिनका असर सीधे आपकी बैंकिंग सेवाओं पर पड़ेगा।
- न्यूनतम बैलेंस की सीमा बढ़ा दी गई है, कम बैलेंस होने पर पेनल्टी लगेगी।
- पचास हजार रुपये से अधिक के चेक के लिए सकारात्मक भुगतान प्रणाली अनिवार्य होगी।
- दो साल तक बिना लेनदेन वाले खाते को निष्क्रिय कर दिया जाएगा।
- बैंक खाते में नॉमिनी जोड़ना अनिवार्य कर दिया गया है।
अगर आप इन नियमों का समय पर पालन नहीं करते हैं, तो आपको अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है या आपकी बैंकिंग सेवाएं बाधित हो सकती हैं। इसलिए समय रहते अपने खाते को अपडेट करें और इन बदलावों के लिए तैयार रहें।