Advertisement
Advertisements

FD में निवेश के 3 बड़े नुकसान, पैसा लगाने से पहले जान लें ये बात, बैंक नहीं बताएंगा आपको – Bank FD

Advertisements

Bank FD : बैंक एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) को अक्सर सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है, लेकिन इसमें भी कुछ रिस्क फैक्टर होते हैं, जिन्हें जानना जरूरी है। यहां कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं का जिक्र किया गया है जो बैंक एफडी में छिपे संभावित जोखिमों को दर्शाते हैं:

1. बढ़ती महंगाई से घटता है रिटर्न

एफडी पर मिलने वाली ब्याज दर फिक्स होती है। लेकिन अगर महंगाई दर बढ़ जाती है, तो एफडी पर मिलने वाला रिटर्न अपेक्षाकृत कम हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, अगर महंगाई दर 7% हो और एफडी पर ब्याज दर 6-7% हो, तो रिटर्न शून्य या नकारात्मक हो सकता है। ऐसे में आपको असल में अपनी पूंजी में कोई बढ़ोतरी नहीं मिलती।

Advertisements

2. फाइनेंशियल संकट में पाबंदी लग सकती है

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सभी बैंकों की निगरानी करता है, लेकिन अगर किसी बैंक के वित्तीय स्थिति में गड़बड़ी पाई जाती है, तो RBI उस बैंक पर पाबंदी लगा सकता है। इसका मतलब यह है कि अगर आपके बैंक का खाता अस्थायी रूप से लॉक हो जाता है, तो आपको अपनी जमा राशि को वापस प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप एक मजबूत और स्थिर बैंक में एफडी निवेश करें।

Also Read:
Bank Update खाते में ज्यादा पैसा रखना हो सकता है खतरे से खाली! बैंक डूबने पर जानें कितनी मिलेगी रकम Bank Update

3. 5 लाख रुपये तक की सुरक्षा

ज्यादातर लोग मानते हैं कि बैंक एफडी में जमा पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन यदि बैंक डिफाल्ट कर जाता है, तो डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) के तहत केवल 5 लाख रुपये तक की गारंटी दी जाती है। इसका मतलब यह है कि यदि बैंक दिवालिया हो जाता है, तो आपके निवेश का केवल 5 लाख रुपये तक ही कवर किया जाएगा, और बाकी की रकम जोखिम में हो सकती है।

Advertisements

4. लिक्विडिटी की समस्या

यदि आपको तत्काल पैसे की आवश्यकता होती है, तो एफडी को पहले तोड़ा जा सकता है, लेकिन इसमें प्री-मैच्योर पेनल्टी लग सकती है। यह पेनल्टी बैंकों के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। इसके अलावा, टैक्स सेविंग एफडी में 5 साल से पहले पैसा नहीं निकाला जा सकता है, और इस स्थिति में आपको टैक्स में छूट का लाभ भी नहीं मिलेगा। इसलिए, एफडी का चयन करते समय इसकी लिक्विडिटी को ध्यान में रखें।

5. 1 दिन के अंतर से नफा-नुकसान

एफडी की अवधि के मामले में एक दिन का अंतर भी बड़ा बदलाव ला सकता है। कई बैंक अपने एफडी के लिए राउंड फिगर अवधि जैसे 6 महीने, 1 साल, 2 साल, 3 साल या 5 साल पर ब्याज दरें अलग से निर्धारित करते हैं। एक दिन कम या ज्यादा पर ब्याज दर बदल सकती है। इसलिए, एफडी खुलवाने से पहले इसकी अवधि और ब्याज दर की जानकारी अच्छे से लें, ताकि आप एक अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर सकें।

Advertisements
Also Read:
Senior Citizen FD सीनियर सिटीजन के लिए बड़ा मौका! इन बैंकों में FD पर मिल रहा सबसे ज्यादा ब्याज Senior Citizen FD

हालांकि बैंक एफडी एक सुरक्षित और स्थिर आय का स्रोत है, लेकिन इसमें भी कुछ जोखिम होते हैं, जिनसे आपको अवगत होना चाहिए। महंगाई, वित्तीय संकट, बैंक डिफाल्ट, लिक्विडिटी के मुद्दे और ब्याज दरों में बदलाव से जुड़े इन पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है। अगर आप इन जोखिमों को ध्यान में रखकर एफडी करते हैं, तो यह आपके लिए एक अच्छा निवेश विकल्प हो सकता है।

Advertisements

Leave a Comment

Whatsapp Group