Fitment Factor Hike – सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। केंद्र सरकार जल्द ही 8वें वेतन आयोग को लागू करने वाली है, जिससे लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा होगा। इस बार वेतन बढ़ोतरी का आधार फिटमेंट फैक्टर होगा, जिससे सैलरी में जबरदस्त इजाफा होगा। आइए जानते हैं कि इस अपडेट से कौन-कौन लाभान्वित होगा और इसका असर कितना होगा।
कितना होगा फिटमेंट फैक्टर?
नई रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार सरकार 1.92 से 2.86 के बीच फिटमेंट फैक्टर लागू कर सकती है। अगर सरकार 2.86 फिटमेंट फैक्टर लागू करती है, तो कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 से बढ़कर 51,480 रुपये तक पहुंच सकती है। इसी तरह पेंशन भी मौजूदा 9,000 से बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है।
यह बढ़ोतरी लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत की खबर है। फिटमेंट फैक्टर का सीधा असर कर्मचारियों की सैलरी पर पड़ेगा और वेतन में दो गुने से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हो सकती है।
पिछले वेतन आयोग की तुलना
7वां वेतन आयोग
- लागू: नवंबर 2016
- न्यूनतम सैलरी: 18,000 रुपये प्रति माह
- अधिकतम सैलरी: 2,50,000 रुपये प्रति माह
- इस आयोग से 1 करोड़ से अधिक सरकारी कर्मचारियों को फायदा हुआ था।
6वां वेतन आयोग
- लागू: मार्च 2008
- न्यूनतम सैलरी: 7,000 रुपये प्रति माह
- अधिकतम सैलरी: 80,000 रुपये प्रति माह
- इस आयोग से 60 लाख कर्मचारियों को फायदा हुआ था।
- पहली बार वेतन बैंड और ग्रेड पे का कॉन्सेप्ट लाया गया था।
5वां वेतन आयोग
- लागू: जनवरी 1997
- न्यूनतम सैलरी: 2,550 रुपये प्रति माह
- अधिकतम सैलरी: 26,000 रुपये प्रति माह
- इस आयोग से 40 लाख कर्मचारियों को लाभ हुआ था।
- इसमें सरकारी कार्यालयों के आधुनिकीकरण पर जोर दिया गया था।
4वां वेतन आयोग
- लागू: दिसंबर 1986
- न्यूनतम सैलरी: 750 रुपये प्रति माह
- अधिकतम सैलरी: 8,000 रुपये प्रति माह
- इस आयोग का फायदा 35 लाख कर्मचारियों को मिला था।
- इसमें विभिन्न पदों की वेतन असमानताओं को कम करने पर ध्यान दिया गया था।
3वां वेतन आयोग
- लागू: मार्च 1973
- न्यूनतम सैलरी: 185 रुपये प्रति माह
- अधिकतम सैलरी: 3,500 रुपये प्रति माह
- इस आयोग से 30 लाख कर्मचारियों को लाभ हुआ था।
- सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के वेतन में समानता लाने की कोशिश की गई थी।
2वां वेतन आयोग
- लागू: अगस्त 1959
- न्यूनतम सैलरी: 80 रुपये प्रति माह
- अधिकतम सैलरी: 3,000 रुपये प्रति माह
- इस आयोग का फोकस अर्थव्यवस्था और जीवन-यापन लागत के बीच संतुलन बनाने पर था।
1वां वेतन आयोग
- लागू: मई 1947
- न्यूनतम सैलरी: 55 रुपये प्रति माह
- अधिकतम सैलरी: 2,000 रुपये प्रति माह
- इसमें “जीवन निर्वाह मजदूरी” की अवधारणा पेश की गई थी।
8वें वेतन आयोग से क्या उम्मीदें?
सरकारी कर्मचारी लंबे समय से 8वें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे हैं। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 पर तय होता है, तो सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। यह न सिर्फ कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी मजबूत करेगा।
सरकारी कर्मचारियों के लिए यह एक शानदार खबर है। फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी से उनकी सैलरी और पेंशन में भारी इजाफा होगा। अगर सरकार 2.86 फिटमेंट फैक्टर लागू करती है, तो लाखों कर्मचारियों की आय दोगुनी से भी ज्यादा हो जाएगी। अब सभी की नजरें सरकार की आधिकारिक घोषणा पर टिकी हैं।
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