TDS New Rules – अगर आपने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में पैसे लगा रखे हैं या लगाने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। सरकार ने बजट 2025 में कई टैक्स नियमों में बदलाव किए हैं, जिनमें TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) के नियम भी शामिल हैं। 1 अप्रैल 2025 से लागू होने जा रहे ये नए नियम निवेशकों को राहत देंगे, खासकर उन लोगों को जो FD के ब्याज से कमाई करते हैं। तो आइए जानते हैं कि नए नियमों के तहत क्या बदलाव होने जा रहे हैं और इसका आप पर क्या असर पड़ेगा।
FD में निवेश करने वालों के लिए राहत
लोग अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में पैसा लगाते हैं क्योंकि यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प है और इस पर अच्छा ब्याज भी मिलता है। अभी तक, जब FD पर मिलने वाला ब्याज एक निश्चित सीमा से ज्यादा हो जाता था, तो बैंक उस पर TDS काट लेते थे। लेकिन 1 अप्रैल 2025 से यह सीमा बढ़ा दी जाएगी, जिससे निवेशकों को ज्यादा फायदा होगा।
सामान्य लोगों के लिए नई TDS लिमिट
पहले, अगर किसी सामान्य व्यक्ति की FD से सालाना ब्याज आय 40,000 रुपये से ज्यादा होती थी, तो बैंक TDS काट लेते थे। लेकिन नए नियमों के तहत यह लिमिट 50,000 रुपये कर दी गई है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आपकी FD से मिलने वाला ब्याज 50,000 रुपये से कम है, तो कोई भी TDS नहीं कटेगा।
इस बदलाव का फायदा उन लोगों को मिलेगा, जो छोटे निवेशक हैं और FD में पैसा लगाकर अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं।
सीनियर सिटीजन के लिए और भी ज्यादा राहत
वरिष्ठ नागरिकों (60 साल या उससे अधिक उम्र के लोग) के लिए सरकार ने TDS की सीमा को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है। पहले सीनियर सिटीजन के लिए यह सीमा 50,000 रुपये थी, लेकिन अब इसे 1,00,000 रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर किसी वरिष्ठ नागरिक की FD से सालाना ब्याज आय 1,00,000 रुपये तक रहती है, तो उस पर कोई भी TDS नहीं कटेगा।
यह बदलाव उन सीनियर सिटीजन के लिए बहुत फायदेमंद है, जो अपनी बचत से ब्याज पर निर्भर रहते हैं।
लॉटरी जीतने पर TDS के नियम भी बदले
अगर आप लॉटरी या गेमिंग से पैसा कमाते हैं, तो इस पर भी TDS लागू होता है। पहले, अगर किसी व्यक्ति ने 1 साल में कुल 10,000 रुपये से ज्यादा की लॉटरी जीत ली, तो TDS काट लिया जाता था। लेकिन अब नियम बदल गया है।
अब TDS तभी कटेगा, जब किसी एक ही ट्रांजेक्शन में 10,000 रुपये से ज्यादा की जीत होगी। इसका मतलब है कि अगर किसी ने पूरे साल में 15,000 रुपये जीते, लेकिन अलग-अलग बार में 5,000 रुपये-5,000 रुपये मिले, तो TDS नहीं कटेगा।
इंश्योरेंस एजेंट और ब्रोकर को भी राहत
इंश्योरेंस एजेंट और ब्रोकर के लिए भी सरकार ने TDS की लिमिट बढ़ा दी है। पहले, अगर किसी एजेंट को इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने पर 15,000 रुपये से ज्यादा का कमीशन मिलता था, तो उस पर TDS लगता था। लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी गई है।
इसका सीधा फायदा इंश्योरेंस एजेंट और ब्रोकर को होगा, क्योंकि उन्हें अब पहले से कम टैक्स देना पड़ेगा।
म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार के निवेशकों को भी फायदा
म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगों के लिए भी सरकार ने TDS की लिमिट बढ़ा दी है। पहले, अगर किसी व्यक्ति को 5,000 रुपये से ज्यादा का डिविडेंड (लाभांश) मिलता था, तो उस पर TDS कट जाता था। लेकिन अब यह सीमा 10,000 रुपये कर दी गई है।
इसका मतलब यह है कि अगर किसी व्यक्ति की म्यूचुअल फंड या शेयर बाजार से होने वाली डिविडेंड इनकम 10,000 रुपये से कम है, तो उस पर कोई भी TDS नहीं कटेगा।
ये बदलाव क्यों किए गए हैं?
सरकार का मकसद यह है कि छोटे निवेशकों पर बेहद कम टैक्स का बोझ पड़े। अभी तक, कई बार FD और दूसरी बचत योजनाओं पर जरूरत से ज्यादा TDS कट जाता था, जिससे लोगों को नुकसान होता था। अब नए नियमों से निवेशकों को फायदा मिलेगा और उनकी बचत पर ज्यादा टैक्स नहीं लगेगा।
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये TDS के नए नियम उन लोगों के लिए फायदेमंद होंगे, जो FD, म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस, लॉटरी और शेयर बाजार में निवेश करते हैं। छोटे और मध्यम निवेशकों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी क्योंकि अब FD पर ज्यादा ब्याज मिलने के बावजूद कम टैक्स देना होगा।
अगर आप भी FD में पैसा लगाने की सोच रहे हैं, तो यह नया नियम आपके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है। अब बिना TDS की टेंशन के ज्यादा ब्याज कमाया जा सकता है।