18 Month DA Arrears – अगर आप केंद्रीय कर्मचारी या पेंशनर हैं और 18 महीने के डीए एरियर का इंतजार कर रहे थे, तो आपके लिए यह खबर अहम हो सकती है। लंबे समय से कर्मचारी सरकार से इस बकाया राशि की मांग कर रहे थे, लेकिन अब वित्त मंत्रालय की ओर से इस पर फाइनल फैसला आ चुका है।
सरकार ने इस मामले पर लिखित जवाब देते हुए साफ कर दिया है कि कोरोना काल के दौरान रोकी गई डीए की तीन किस्तों को अब जारी नहीं किया जाएगा। इससे उन करोड़ों कर्मचारियों को झटका लगा है जो होली से पहले किसी राहत की उम्मीद कर रहे थे। तो चलिए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है और सरकार ने आखिर क्या जवाब दिया है।
सरकार से बार-बार उठ रहा था सवाल
महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) का एरियर लंबे समय से चर्चा में था। कोरोना काल के दौरान सरकार ने वित्तीय संकट को देखते हुए डीए की तीन किस्तों को रोक दिया था। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार इस राशि को किसी न किसी रूप में देगी, लेकिन बार-बार पूछे जाने के बावजूद सरकार इस पर कोई ठोस जवाब नहीं दे रही थी।
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हाल ही में संसद सत्र के दौरान फिर से यह सवाल उठाया गया। राज्यसभा सांसद जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन ने सरकार से पूछा कि क्या सरकार रोकी गई 18 महीने की डीए एरियर राशि को जारी करने पर विचार कर रही है? अगर कर रही है तो इसकी प्रक्रिया क्या होगी? अगर नहीं कर रही है, तो इसके पीछे क्या कारण हैं?
सरकार ने लिखित में दिया जवाब
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस सवाल का लिखित जवाब दिया और साफ कर दिया कि सरकार फिलहाल इस एरियर को जारी करने पर कोई विचार नहीं कर रही है। उनका कहना था कि महंगाई भत्ते की तीन किस्तों को रोकने का फैसला कोरोना काल के आर्थिक संकट को देखते हुए लिया गया था ताकि सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।
उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य था कि उस समय सरकारी खर्चों को नियंत्रित किया जाए और भविष्य में वित्तीय स्थिरता बनाए रखी जाए। इसीलिए अब सरकार इस एरियर को देने के मूड में नहीं है।
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क्या कर्मचारियों को कोई राहत मिलेगी?
इस जवाब के बाद कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि सरकार होली से पहले कोई राहत देगी। लेकिन अब यह साफ हो चुका है कि 18 महीने के डीए एरियर को लेकर सरकार का स्टैंड बिल्कुल स्पष्ट है और वह इसे देने के पक्ष में नहीं है।
हालांकि, सरकार ने यह भी कहा कि साल 2024 के दौरान एनसीजेसीएम (National Council of JCM) सहित कई कर्मचारी संघों ने ज्ञापन भेजकर इस मांग को रखा था, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया।
क्यों रोका गया था DA Arrears?
सरकार ने डीए एरियर को रोकने के पीछे जो मुख्य कारण बताए हैं, वे कुछ इस प्रकार हैं:
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- कोरोना काल में आर्थिक संकट – महामारी के दौरान सरकारी राजस्व पर भारी दबाव पड़ा, इसलिए कई योजनाओं पर रोक लगाई गई।
- खर्चों में कटौती – सरकारी व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए कुछ फैसले लेने पड़े, जिनमें डीए रोकने का भी निर्णय शामिल था।
- भविष्य की वित्तीय स्थिरता – सरकार चाहती थी कि आगे चलकर किसी तरह की वित्तीय समस्या न हो, इसलिए इस राशि को रोकने का फैसला लिया गया।
कर्मचारियों में नाराजगी
सरकार के इस फैसले के बाद कर्मचारियों और पेंशनर्स में काफी नाराजगी है। वे पिछले कई महीनों से इस मांग को लेकर आवाज उठा रहे थे, लेकिन सरकार ने अब इसे पूरी तरह से नकार दिया है।
कर्मचारियों का कहना है कि जब सरकार अन्य योजनाओं के लिए पैसे खर्च कर सकती है, तो फिर कर्मचारियों के हक का पैसा क्यों रोका जा रहा है?
क्या आगे भी कोई उम्मीद है?
फिलहाल सरकार ने इस मामले पर अपना रुख साफ कर दिया है, लेकिन कर्मचारी संगठन अभी भी इस पर दबाव बना रहे हैं। कुछ कर्मचारी संघों का मानना है कि अगर सरकार पर दबाव बढ़ाया जाए, तो हो सकता है कि भविष्य में इस पर कोई फैसला लिया जाए।
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हालांकि, मौजूदा हालात को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि सरकार अपने फैसले को बदलेगी या नहीं।
अगर आप भी 18 महीने के डीए एरियर का इंतजार कर रहे थे, तो यह खबर आपके लिए निराशाजनक हो सकती है। सरकार ने साफ कर दिया है कि यह राशि अब कर्मचारियों को नहीं मिलेगी। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह जानकारी संसद में लिखित रूप में दी और बताया कि इस पर आगे कोई विचार नहीं किया जा रहा है।
कर्मचारी संघ अभी भी इस फैसले को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं लग रहा कि सरकार अपना रुख बदलेगी। अब देखना होगा कि आगे क्या होता है और कर्मचारी संगठन इस मुद्दे को लेकर क्या कदम उठाते हैं।