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चेक से लेन-देन करने से पहले जान लें ये जरूरी बातें, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान Cheque Payment Rules

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Cheque Payment Rules – आजकल लोग पैसों के लेन-देन के लिए चेक का इस्तेमाल खूब करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर चेक बाउंस हो जाए, तो यह एक कानूनी अपराध हो सकता है? अगर आपने पहली बार चेक से पेमेंट करने की सोची है, तो कुछ जरूरी बातों को जानना आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। अगर लापरवाही हुई, तो न सिर्फ पैसे अटक सकते हैं बल्कि आपको कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।

तो चलिए, चेक से जुड़े जरूरी नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं ताकि आप किसी भी परेशानी से बच सकें।

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चेक बाउंस का मतलब क्या होता है?

अगर आपने किसी को चेक दिया और बैंक ने इसे क्लियर करने से मना कर दिया, तो इसे चेक बाउंस कहा जाता है।

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चेक बाउंस होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:

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  • अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस न होना
  • सिग्नेचर मेल नहीं खाना
  • गलत अकाउंट नंबर या जानकारी
  • ओवरड्राफ्ट लिमिट पार हो जाना
  • चेक पर तारीख गलत होना या 3 महीने से पुराना चेक देना
  • चेक पर कटिंग या खराबी होना

अगर बैंक ने चेक बाउंस कर दिया, तो यह सिर्फ एक वित्तीय परेशानी नहीं बल्कि एक कानूनी मामला भी बन सकता है।

चेक बाउंस होने पर क्या हो सकता है?

अगर किसी का चेक बाउंस हो जाता है, तो सबसे पहले उसे इस बारे में जानकारी देना जरूरी है।

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  • बैंक चेक बाउंस होने पर धारक को सूचित करता है।
  • जिसके नाम पर चेक जारी हुआ है, वह आपको लीगल नोटिस भेज सकता है।
  • नोटिस मिलने के 15 दिनों के अंदर पेमेंट नहीं करने पर मामला कोर्ट में जा सकता है।
  • नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881 की धारा 138 के तहत 2 साल तक की सजा और आर्थिक दंड भी हो सकता है।

इसलिए, अगर आपका चेक गलती से बाउंस हो जाए, तो तुरंत दूसरा पेमेंट विकल्प अपनाएं ताकि मामला आगे न बढ़े।

किन कारणों से चेक बाउंस हो सकता है?

1. बैलेंस की कमी: अगर चेक जारी करने वाले के अकाउंट में पर्याप्त पैसे नहीं हैं, तो चेक बाउंस हो जाएगा।
2. सिग्नेचर मेल न खाना: अगर चेक पर किया गया साइन बैंक रिकॉर्ड से मेल नहीं खाता, तो बैंक इसे रिजेक्ट कर सकता है।
3. ओवरड्राफ्ट लिमिट: अगर अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट की लिमिट तय है और आपने उसे पार कर लिया है, तो भी चेक क्लियर नहीं होगा।
4. गलत या अधूरी जानकारी: चेक पर नाम, तारीख या रकम ठीक से नहीं भरी गई हो, तो बैंक इसे स्वीकार नहीं करेगा।
5. चेक पुराना हो जाना: किसी भी चेक की वैधता 3 महीने होती है, इसके बाद बैंक इसे रिजेक्ट कर सकता है।
6. फटा या खराब चेक: अगर चेक कट-फट गया है या उस पर किसी भी तरह की छेड़छाड़ की गई है, तो वह अमान्य हो सकता है।

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अगर आपका चेक बाउंस हो जाए तो क्या करें?

अगर आपका चेक बाउंस हो गया है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। कुछ स्टेप्स अपनाकर आप परेशानी से बच सकते हैं।

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1. तुरंत संपर्क करें: सबसे पहले जिस व्यक्ति को चेक दिया है, उससे संपर्क करें और स्थिति समझाएं।
2. तुरंत नया पेमेंट करें: अगर चेक बैलेंस की कमी की वजह से बाउंस हुआ है, तो तुरंत दूसरा भुगतान करें।
3. बैंक से जानकारी लें: बैंक से चेक बाउंस की असली वजह पूछें ताकि आप गलती सुधार सकें।
4. लीगल नोटिस आने पर जवाब दें: अगर आपको चेक बाउंस का नोटिस मिला है, तो 15 दिनों के अंदर भुगतान करें, नहीं तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है।

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बैंक के चेक से जुड़े नियम क्या हैं?

  • नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, 1881 के तहत चेक बाउंस होने पर केस दर्ज किया जा सकता है।
  • अधिकतम 2 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
  • चेक जारी करने की तारीख से 3 महीने के अंदर ही उसे भुनाया जा सकता है।
  • अगर चेक चोरी हो जाए या खो जाए, तो तुरंत बैंक को सूचित करें।

अगर आप चाहते हैं कि चेक से जुड़ी कोई गलती न हो, तो इन नियमों को हमेशा ध्यान में रखें।

चेक जारी करते समय किन बातों का ध्यान रखें?

चेक बाउंस से बचने के लिए आपको कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

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अकाउंट में बैलेंस चेक करें: चेक देने से पहले सुनिश्चित करें कि आपके अकाउंट में पर्याप्त पैसे हों।
सही जानकारी भरें: चेक पर राशि, तारीख और नाम सही ढंग से भरें।
साइन मैच करें: आपका सिग्नेचर बैंक में दर्ज रिकॉर्ड से मिलना चाहिए।
कट-फट वाला चेक न दें: अगर चेक फटा या गंदा है, तो नया चेक जारी करें।
जल्द से जल्द चेक कैश कराएं: चेक प्राप्त करने वाले को 3 महीने के अंदर इसे भुना लेना चाहिए।

कैसे करें चेक से पेमेंट सुरक्षित रूप से?

अगर आप चेक से पेमेंट कर रहे हैं, तो कुछ जरूरी बातें ध्यान में रखें:

  • चेक की डिटेल्स नोट कर लें – चेक नंबर, अकाउंट का नाम, अमाउंट और डेट लिख लें ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न हो।
  • हमेशा अकाउंट पेयी चेक जारी करें – इससे पैसा सिर्फ उसी के अकाउंट में जाएगा, जिसे चेक दिया गया है।
  • सावधानी से जानकारी भरें – किसी भी तरह की गलती चेक को अमान्य बना सकती है।
  • बैंक में रजिस्टर सिग्नेचर ही करें – अगर बैंक रिकॉर्ड से साइन मेल नहीं खाएगा, तो चेक बाउंस हो सकता है।

अगर आप चेक से पेमेंट करते हैं, तो इन जरूरी नियमों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। चेक बाउंस होने पर न सिर्फ आर्थिक नुकसान हो सकता है, बल्कि कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।

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अगर आपको चेक से जुड़े किसी भी नियम को लेकर संदेह है, तो अपनी बैंक शाखा से संपर्क करें और सही जानकारी लें।

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