Electricity Bill Subsidy: बिजली सब्सिडी को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने राज्य में बिजली बोर्ड की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए एक जनवरी से राजपत्रित अधिकारियों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी खत्म कर दी है। अब इन अधिकारियों को बिना सब्सिडी के ही अपने बिजली बिल का भुगतान करना पड़ेगा। आइए जानते हैं कि इस फैसले का असर किन-किन लोगों पर पड़ेगा और इससे बिजली विभाग को क्या फायदा होगा।
राजपत्रित अधिकारियों के लिए बदलाव
फरवरी महीने से इन अधिकारियों को बिना सब्सिडी के बिजली बिल जारी किए जाएंगे। अभी तक ये अधिकारी सब्सिडी का फायदा उठाकर कम बिजली बिल भरते थे, लेकिन अब उन्हें पूरी कीमत चुकानी होगी। बिजली बोर्ड इस फैसले के तहत सभी प्रभावित उपभोक्ताओं का डेटा इकट्ठा कर रहा है और अलग-अलग सरकारी विभागों से जरूरी जानकारी ली जा रही है।
स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ने वालों की बढ़ती संख्या
हजार से ज्यादा उपभोक्ताओं ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अपील पर अपनी बिजली सब्सिडी को स्वेच्छा से छोड़ दिया है। यह कदम समाज के दूसरे वर्गों को भी सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रेरित कर सकता है। इससे बिजली विभाग को अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी और सब्सिडी के बोझ को कम किया जा सकेगा।
अर्ध-सैनिक बलों और सैन्य अधिकारियों पर भी असर
सरकार ने इस नीति का दायरा बढ़ाकर अब अर्ध-सैनिक बलों और सैन्य अधिकारियों पर भी लागू कर दिया है। फरवरी से इन अधिकारियों को भी बिना सब्सिडी के बिजली बिल भरने होंगे। यानी अब इन परिवारों को अपने बिजली खर्च का पूरा भुगतान खुद करना होगा। इससे विभाग को राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी।
ई-केवाईसी अनिवार्य
सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं के लिए 15 फरवरी तक ई-केवाईसी पूरा करना अनिवार्य कर दिया है। जो उपभोक्ता यह प्रक्रिया पूरी नहीं करेंगे, उन्हें 125 यूनिट मुफ्त बिजली की सुविधा नहीं मिलेगी। इससे ऐसे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा।
सरकार के इस फैसले के पीछे का मकसद
इस फैसले का मुख्य उद्देश्य बिजली विभाग की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना है। सरकार का मानना है कि जो लोग सब्सिडी के बिना बिजली बिल भर सकते हैं, उन्हें सब्सिडी नहीं लेनी चाहिए ताकि जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सके। यह कदम राज्य की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में अहम साबित हो सकता है।
हिमाचल प्रदेश सरकार का यह फैसला भले ही कुछ लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो, लेकिन इससे राज्य के बिजली विभाग की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इससे न सिर्फ विभाग को घाटे से उबरने में मदद मिलेगी, बल्कि सब्सिडी का सही उपयोग भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।