Indian Currency: साल 2016 की नोटबंदी को भला कौन भूल सकता है? जब एक झटके में 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था। इस कदम के पीछे सरकार का मकसद काले धन पर लगाम लगाना था। इसके तुरंत बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2000 रुपये के नए गुलाबी नोट को लॉन्च किया था, जिसने देखते ही देखते हर जेब में अपनी जगह बना ली। लेकिन साल 2023 में इन 2000 के नोटों को भी धीरे-धीरे चलन से हटा दिया गया।
अब सोशल मीडिया पर एक नई खबर तेजी से वायरल हो रही है कि आरबीआई जल्द ही 5000 रुपये का नोट लॉन्च करने वाला है। लोग इस खबर को पढ़कर हैरान हैं और सोच रहे हैं कि आखिर सच्चाई क्या है? तो चलिए, जानते हैं इस वायरल खबर के पीछे की पूरी हकीकत।
सोशल मीडिया पर वायरल है 5000 रुपये के नोट की खबर
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक मैसेज खूब वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि आरबीआई 5000 रुपये का नया नोट जारी करने जा रहा है। जैसे ही यह खबर सामने आई, लोगों में हलचल मच गई और चर्चा शुरू हो गई कि कहीं फिर से कोई बड़ा बदलाव तो नहीं होने वाला।
लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहा है कि जब 2000 के नोट को चलन से बाहर किया गया, तो अब 5000 रुपये का नोट लाने का क्या तुक है? इस अफवाह ने कई लोगों को भ्रमित कर दिया है।
PIB फैक्ट चेक ने किया खुलासा
अगर आप भी इस खबर पर यकीन कर बैठे हैं, तो रुकिए! पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने इस वायरल खबर की सच्चाई का खुलासा कर दिया है। पीआईबी के मुताबिक, यह दावा पूरी तरह से फर्जी है। फिलहाल आरबीआई की ओर से 5000 रुपये का नया नोट जारी करने का कोई भी प्लान नहीं है।
पीआईबी ने साफ-साफ कहा है कि इस तरह की खबरों पर भरोसा न करें क्योंकि आरबीआई ने इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। वर्तमान में भारत में 10, 20, 50, 100, 200 और 500 रुपये के नोट ही वैध रूप से चलन में हैं। इन denominations के अलावा कोई नया नोट नहीं आ रहा है।
क्या पहले कभी 5000 रुपये का नोट रहा है चलन में?
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में 5000 रुपये का नोट पहले भी मौजूद था। जी हां, सबसे पहले 1938 में ब्रिटिश भारत सरकार ने 5000 रुपये का नोट जारी किया था। लेकिन यह नोट ज्यादा समय तक चलन में नहीं रहा और 1946 में इसे बंद कर दिया गया।
इसके बाद, 1954 में स्वतंत्र भारत सरकार ने फिर से 5000 रुपये के नोट को छापा। इस नोट पर सारनाथ के अशोक स्तंभ की तस्वीर छपी हुई थी। हालांकि, ज्यादा बड़े नोटों के खिलाफ सरकार की नीति के चलते 1978 में इस नोट को भी 1000 और 10,000 रुपये के नोटों के साथ बंद कर दिया गया।
5000 रुपये के नोट को लेकर क्यों उठते हैं सवाल?
सोशल मीडिया पर इस तरह की अफवाहें क्यों फैलती हैं? इसका एक बड़ा कारण है नोटबंदी के बाद का अनुभव। 2016 की नोटबंदी के झटके के बाद से लोग हर छोटे-बड़े अपडेट पर तुरंत प्रतिक्रिया देने लगे हैं। इसके अलावा, बड़ी राशि के नोटों को लेकर हमेशा से ही लोगों में जिज्ञासा रही है।
दूसरी बात यह है कि 2000 के नोट को बंद करने के फैसले के बाद से लोग यह मानने लगे हैं कि सरकार और आरबीआई कभी भी किसी बड़े बदलाव की घोषणा कर सकते हैं। लेकिन जरूरी नहीं कि हर वायरल खबर सच ही हो।
तो क्या सच में आ रहा है 5000 का नोट?
साफ-साफ कहें तो नहीं! फिलहाल 5000 रुपये के नए नोट को लेकर आरबीआई के पास कोई योजना नहीं है। न ही इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी दी गई है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरें महज अफवाहें हैं जिनका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है।
अगर भविष्य में कभी भी ऐसे किसी बड़े बदलाव की घोषणा होती है, तो आरबीआई या सरकार की ओर से आधिकारिक प्रेस रिलीज़ या अधिसूचना जारी की जाएगी। इसलिए ऐसी खबरों पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।
5000 रुपये के नोट को लेकर जो भी खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, वे पूरी तरह से फर्जी हैं। आरबीआई ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है और न ही भविष्य में फिलहाल ऐसा कोई प्लान है। बेहतर होगा कि आप इस तरह की अफवाहों पर ध्यान देने के बजाय सरकारी वेबसाइट्स और आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें।