Personal Loan Rules – आजकल लोग पैसों की अचानक जरूरत पड़ने पर पर्सनल लोन लेना पसंद करते हैं। यह लोन बिना ज्यादा झंझट के जल्दी मिल जाता है, लेकिन इसका ब्याज काफी ज्यादा होता है। यही वजह है कि कई बार लोग समय पर इसकी किश्तें नहीं भर पाते और फिर परेशानी शुरू हो जाती है। अगर आपने पर्सनल लोन लिया है या लेने की सोच रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि अगर लोन समय पर नहीं चुका पाए तो बैंक क्या कर सकता है।
पर्सनल लोन का खतरा क्यों ज्यादा होता है?
पर्सनल लोन को अनसिक्योर्ड लोन कहा जाता है, क्योंकि इसमें बैंक किसी भी गारंटी या सिक्योरिटी की मांग नहीं करता। यानी, आपको कोई प्रॉपर्टी, गहने या अन्य कोई चीज गिरवी रखने की जरूरत नहीं पड़ती। इसी वजह से बैंक के लिए भी यह लोन थोड़ा जोखिम भरा होता है। अगर कोई व्यक्ति लोन नहीं चुका पाता, तो बैंक को सीधा नुकसान होता है। यही कारण है कि बैंक लोन डिफॉल्टर के खिलाफ सख्त कदम उठा सकता है।
अगर लोन नहीं चुकाया तो क्या होगा?
अगर आप समय पर लोन की किश्तें नहीं भरते, तो इसके कई बड़े नुकसान हो सकते हैं। सबसे पहला असर आपकी फाइनेंशियल हेल्थ पर पड़ता है, जिससे भविष्य में किसी भी तरह का लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
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बैंक कौन-कौन से कदम उठा सकता है?
कानूनी कार्रवाई
अगर आपने लगातार कई महीनों तक लोन की किश्तें नहीं चुकाईं, तो बैंक आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है। इसमें आपके खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज किया जा सकता है।
संपत्ति और वेतन पर असर
कुछ मामलों में, बैंक आपकी संपत्ति या वेतन पर दावा ठोक सकता है। अगर आपके पास कोई दूसरी संपत्ति है, तो उसे जब्त किया जा सकता है या फिर आपकी सैलरी का एक हिस्सा सीधा बैंक को दिया जा सकता है।
क्रेडिट स्कोर होगा खराब
अगर आपने लोन की किस्तें नहीं चुकाईं, तो इसका सीधा असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ेगा। आपका क्रेडिट स्कोर जितना कम होगा, भविष्य में लोन लेना उतना ही मुश्किल हो जाएगा। यहां तक कि क्रेडिट कार्ड लेना भी मुश्किल हो सकता है।
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धारा 420 के तहत केस हो सकता है
अगर बैंक को लगता है कि आपने जानबूझकर लोन लिया और चुकाने का कोई इरादा नहीं था, तो आपके खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज हो सकता है। इस स्थिति में आपको जेल भी जाना पड़ सकता है। हालांकि, यह तब होता है जब मामला बहुत गंभीर हो।
लोन न चुकाने पर भविष्य में लोन मिलना होगा मुश्किल
अगर आप किसी बैंक का लोन नहीं चुका पाते, तो आपकी पूरी क्रेडिट हिस्ट्री खराब हो जाती है। इससे आपको भविष्य में किसी भी तरह का नया लोन या क्रेडिट कार्ड मिलना मुश्किल हो जाता है।
बैंक लोन की वसूली कैसे करता है?
अगर कोई व्यक्ति लगातार लोन की किश्तें नहीं चुका रहा, तो बैंक कई तरीकों से वसूली करने की कोशिश करता है।
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वसूली एजेंसियों की मदद
जब बैंक खुद लोन की रकम वसूल नहीं कर पाता, तो वह वसूली एजेंसियों की मदद लेता है। ये एजेंसियां लगातार कॉल करके और कई बार घर आकर भी लोन चुकाने के लिए कह सकती हैं।
लगातार फोन कॉल्स और मानसिक दबाव
रिकवरी एजेंसियां कई बार डिफॉल्टर को बार-बार फोन करके लोन चुकाने का दबाव बना सकती हैं। इससे कई लोगों को मानसिक तनाव भी हो सकता है। हालांकि, यह पूरी तरह से बैंक और एजेंसियों पर निर्भर करता है कि वे कैसे लोन वसूल करते हैं।
आरबीआई के नए नियम क्या कहते हैं?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में लोन वसूली को लेकर कुछ नए नियम बनाए हैं। अब बैंक और रिकवरी एजेंट्स को कुछ गाइडलाइंस फॉलो करनी होती हैं।
- बैंक को पहले ग्राहक को नोटिस देना होगा – बैंक लोन वसूली की प्रक्रिया शुरू करने से पहले ग्राहक को पूरी जानकारी देगा और समय भी देगा।
- सम्मानजनक व्यवहार जरूरी – बैंक और वसूली एजेंट को ग्राहक के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना होगा। वे बदतमीजी नहीं कर सकते और न ही ग्राहक को परेशान कर सकते हैं।
- मानसिक प्रताड़ना नहीं दी जा सकती – कोई भी बैंक या एजेंसी ग्राहक को मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं कर सकती।
लोन लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं, तो कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखें
- अपनी क्षमता से ज्यादा लोन न लें – जितना जरूरत हो उतना ही लोन लें और पहले से ही यह तय कर लें कि आप इसे कैसे चुकाएंगे।
- ब्याज दरों की तुलना करें – अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरें अलग होती हैं, इसलिए पहले उनकी तुलना करें और फिर लोन लें।
- ईएमआई चुकाने की प्लानिंग करें – लोन लेने से पहले ही अपने बजट में इसे एडजस्ट करें, ताकि ईएमआई भरने में दिक्कत न हो।
- अगर ईएमआई चुकाने में दिक्कत हो तो बैंक से बात करें – अगर आपको लग रहा है कि आप लोन की किश्त नहीं चुका पाएंगे, तो तुरंत बैंक से संपर्क करें। कई बार बैंक आपको आसान शर्तों पर ईएमआई कम करने का ऑप्शन दे सकते हैं।
पर्सनल लोन लेना आसान है, लेकिन इसे समय पर चुकाना भी बहुत जरूरी है। अगर आप इसे नहीं चुका पाए, तो आपकी फाइनेंशियल स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है और भविष्य में किसी भी तरह का लोन या क्रेडिट कार्ड मिलना मुश्किल हो सकता है। इससे बचने के लिए लोन लेने से पहले सही प्लानिंग करें और समय पर ईएमआई भरें, ताकि किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सके।
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