EMI Bounce – आजकल जरूरत पड़ने पर लोग पर्सनल लोन लेना पसंद करते हैं क्योंकि यह बिना किसी सिक्योरिटी के आसानी से मिल जाता है। हालांकि, इस पर ब्याज दरें दूसरी तरह के लोन के मुकाबले ज्यादा होती हैं, जिससे कई लोग समय पर EMI नहीं चुका पाते। अगर आप भी लोन लेने की सोच रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि अगर EMI समय पर नहीं भरी गई, तो आपको क्या-क्या परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।
क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर
अगर आप पर्सनल लोन की EMI समय पर नहीं चुकाते हैं, तो इसका सबसे पहला असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। क्रेडिट स्कोर ही तय करता है कि आपको भविष्य में लोन मिलेगा या नहीं। EMI लेट होने से आपका CIBIL स्कोर गिर सकता है, जिससे भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो जाएगा। बैंक आपको लोन देने से मना कर सकते हैं या ज्यादा ब्याज पर लोन देंगे। इसलिए, अगर आपको भविष्य में होम लोन, कार लोन या किसी अन्य फाइनेंशियल सुविधा की जरूरत पड़े, तो EMI समय पर भरना जरूरी है।
कानूनी झंझट हो सकता है
अगर आपने कई बार EMI नहीं भरी, तो बैंक कानूनी कार्रवाई कर सकता है। सबसे पहले बैंक आपको नोटिस भेजेगा, लेकिन फिर भी अगर आप लोन चुकाने में फेल रहते हैं, तो मामला कोर्ट तक जा सकता है। बैंक आपकी संपत्ति जब्त करने या आपकी सैलरी रोकने की मांग कर सकता है। अगर बैंक यह साबित कर देता है कि आपने जानबूझकर लोन नहीं चुकाया, तो आपके खिलाफ धोखाधड़ी (IPC 420) के तहत मामला दर्ज हो सकता है। इससे आपको जेल जाने का खतरा भी हो सकता है।
रिकवरी एजेंसियों की परेशानी
बैंक अपने लोन की वसूली के लिए रिकवरी एजेंसियों की मदद ले सकता है। ये एजेंसियां आपको बार-बार फोन कर सकती हैं या आपके घर आ सकती हैं। कई बार इनका रवैया काफी सख्त हो सकता है, जिससे लोन न चुका पाने वाले लोगों को मेंटल स्ट्रेस झेलना पड़ता है। हालांकि, आरबीआई ने बैंकों को यह निर्देश दिए हैं कि लोन वसूली के दौरान ग्राहकों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाए, लेकिन फिर भी कई बार लोग परेशान हो जाते हैं।
आरबीआई के नियम क्या कहते हैं?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यह साफ किया है कि बैंक किसी भी लोन डिफॉल्टर को बिना नोटिस दिए कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकते। बैंक को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि वसूली एजेंसियां ग्राहक के साथ गलत व्यवहार न करें। अगर आपके साथ कोई गलत व्यवहार होता है, तो आप इसकी शिकायत बैंक और RBI में कर सकते हैं।
अगर लोन चुकाने में दिक्कत हो रही हो तो क्या करें?
अगर आप किसी कारण EMI नहीं भर पा रहे हैं, तो घबराने की बजाय बैंक से तुरंत संपर्क करें। बैंक आपकी स्थिति देखकर आपको कुछ और विकल्प दे सकता है, जैसे:
- EMI में बदलाव: आपकी EMI को कम करने के लिए लोन अवधि बढ़ाई जा सकती है।
- मोरेटोरियम पीरियड: कुछ महीनों तक EMI रोकने की सुविधा मिल सकती है।
- लोन सेटलमेंट: अगर आपकी फाइनेंशियल स्थिति बहुत खराब है, तो बैंक एक बार में कुछ रकम लेकर लोन सेटल कर सकता है। हालांकि, इससे आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित हो सकता है।
पर्सनल लोन लेते समय ध्यान देने वाली बातें
अगर आप पर्सनल लोन लेने का प्लान कर रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें:
- EMI अपनी कमाई के हिसाब से तय करें – लोन लेते समय यह देखें कि आपकी मासिक आय का 30-40% से ज्यादा EMI में न जाए।
- अचानक खर्चों के लिए सेविंग रखें – इमरजेंसी में भी EMI न चूके, इसके लिए कुछ पैसे बचाकर रखें।
- ब्याज दरों की तुलना करें – अलग-अलग बैंकों और NBFCs से ब्याज दर की तुलना करें, ताकि आपको सबसे कम ब्याज पर लोन मिल सके।
- अनावश्यक खर्चों से बचें – पर्सनल लोन लेकर बेवजह खर्च करने से बचें, क्योंकि इसकी ब्याज दर ज्यादा होती है।
समय पर EMI न भरने के क्या नुकसान हो सकते हैं?
- क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है
- भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो सकता है
- बैंक कानूनी कार्रवाई कर सकता है
- रिकवरी एजेंसियां परेशान कर सकती हैं
- मेंटल स्ट्रेस और फाइनेंशियल दिक्कतें बढ़ सकती हैं
पर्सनल लोन एक आसान फाइनेंशियल सुविधा है, लेकिन इसे समझदारी से इस्तेमाल करना जरूरी है। EMI समय पर चुकाना आपकी जिम्मेदारी है, ताकि भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी से बचा जा सके। अगर आपको किसी कारण से EMI चुकाने में दिक्कत हो रही है, तो बैंक से बात करें और सही समाधान निकालें। अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को सही रखें, अनावश्यक खर्चों से बचें और जरूरत पड़ने पर ही लोन लें।