Indian Currency Update – आजकल सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि भारतीय नोटों से महात्मा गांधी की फोटो हटाई जा रही है और उनकी जगह किसी और महान व्यक्ति की तस्वीर लगाई जाएगी। इस खबर ने लोगों के बीच काफी चर्चा पैदा कर दी है। लेकिन क्या यह सच है या महज एक अफवाह? आइए इस पूरी खबर की सच्चाई जानते हैं।
क्या सच में नोटों से हटेगी गांधीजी की फोटो?
हम सभी जानते हैं कि महात्मा गांधी की तस्वीर भारतीय नोटों पर दशकों से छपती आ रही है। आजादी के बाद से ही हमारे नोटों पर बापू की तस्वीर होती है, जिसे हर भारतीय ने बचपन से देखा है। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट्स वायरल हो रही हैं, जिनमें दावा किया जा रहा है कि गांधीजी की जगह अब भारतीय नोटों पर रवींद्रनाथ टैगोर और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीरें छापी जाएंगी।
इस खबर को लेकर इतना हंगामा मच गया कि RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) को खुद सामने आकर इस पर सफाई देनी पड़ी। RBI ने साफ तौर पर कहा कि यह खबर पूरी तरह से झूठी और निराधार है। महात्मा गांधी की तस्वीर हटाने का कोई प्रस्ताव न सरकार के पास है और न ही RBI के पास।
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सोशल मीडिया पर फेक खबरों का दौर
आजकल सोशल मीडिया पर अफवाहें इतनी तेजी से फैलती हैं कि लोग बिना सच जाने ही उन पर भरोसा करने लगते हैं। महात्मा गांधी की तस्वीर हटाने वाली यह खबर भी उसी तरह की एक अफवाह है। अगर ऐसा कोई बड़ा बदलाव सरकार करने वाली होती, तो इसकी आधिकारिक घोषणा जरूर की जाती।
कुछ लोग बिना जांच-पड़ताल किए ही इस तरह की खबरों को आगे बढ़ा देते हैं, जिससे गुमराह करने वाली बातें लोगों तक पहुंच जाती हैं। इसलिए जरूरी है कि हम किसी भी खबर को आंख बंद करके न मानें और पहले उसकी पुष्टि करें।
आखिर भारतीय नोटों पर गांधीजी की फोटो कब और कैसे आई?
अब जब यह साफ हो गया कि नोटों से गांधीजी की फोटो हटाने की बात फर्जी है, तो आइए जानते हैं कि आखिर गांधीजी की तस्वीर भारतीय नोटों पर पहली बार कब आई थी?
आजादी से पहले के नोट
जब भारत 1947 में आजाद हुआ था, उस वक्त ब्रिटिश राज के दौर में छपने वाले नोटों पर किंग जॉर्ज VI की तस्वीर हुआ करती थी। यह वही दौर था जब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था और हमारी मुद्रा पर अंग्रेजी शासकों की झलक साफ दिखती थी।
पहली बार अशोक स्तंभ की एंट्री
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1949 में पहली बार भारतीय सरकार ने ₹1 का नोट जारी किया, जिसमें किंग जॉर्ज VI की तस्वीर हटाकर उसकी जगह अशोक स्तंभ का चित्र छापा गया। यह भारत की मुद्रा में एक बड़ा बदलाव था, क्योंकि यह भारत के अपने पहचान को दर्शाने वाला पहला नोट था।
गांधीजी की पहली तस्वीर
महात्मा गांधी की तस्वीर पहली बार 1969 में भारतीय नोटों पर छपी थी। यह वही साल था जब गांधीजी की 100वीं जयंती मनाई जा रही थी। इस नोट पर गांधीजी के साथ सेवाग्राम आश्रम की तस्वीर भी थी, जो उनके जीवन और विचारों को दर्शाती थी।
1987 में बड़े बदलाव
1987 में पहली बार ₹500 का नोट जारी किया गया, जिसमें महात्मा गांधी की तस्वीर को स्थायी रूप से जगह दी गई। उसके बाद धीरे-धीरे सभी बड़े नोटों पर गांधीजी की तस्वीर को शामिल किया गया और यही परंपरा आज तक चली आ रही है।
नोटों पर पहले कौन-कौन सी तस्वीरें थीं?
गांधीजी की तस्वीर के आने से पहले भारतीय नोटों पर कई अलग-अलग डिजाइनों का इस्तेमाल किया जाता था। उदाहरण के लिए –
- ₹1 के नोट पर तेल का कुआं
- ₹2 के नोट पर आर्यभट्ट उपग्रह
- ₹5 के नोट पर ट्रैक्टर से खेत जोतता हुआ किसान
- ₹10 के नोट पर कोणार्क मंदिर का चक्र और मोर
- ₹100 के नोट पर शालीमार गार्डन
इन नोटों की डिजाइन को लेकर समय-समय पर बदलाव होते रहे हैं, लेकिन महात्मा गांधी की तस्वीर को 1987 से अब तक भारतीय नोटों का स्थायी चेहरा माना गया है।
क्या भविष्य में भारतीय नोटों पर कोई बदलाव संभव है?
इस वक्त तो यह साफ है कि गांधीजी की तस्वीर हटाने की कोई योजना नहीं है, लेकिन भविष्य में बदलाव की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।
RBI और सरकार समय-समय पर मुद्रा नोटों में बदलाव करती रही हैं। कुछ साल पहले ही ₹2000 और ₹500 के नए नोट जारी किए गए, जिनमें सुरक्षा फीचर्स बढ़ाए गए थे। ऐसे में आगे चलकर नोटों के डिजाइन में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं, लेकिन गांधीजी की तस्वीर हटाने जैसी कोई योजना नहीं है।
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- महात्मा गांधी की तस्वीर भारतीय नोटों पर बनी रहेगी और इसे हटाने की कोई योजना नहीं है।
- RBI ने इस वायरल खबर को पूरी तरह से फर्जी बताया है।
- गांधीजी की तस्वीर पहली बार 1969 में आई थी और 1987 से इसे स्थायी रूप से नोटों पर जगह दी गई।
- आजादी के बाद पहले किंग जॉर्ज VI की तस्वीर हटाकर अशोक स्तंभ को भारतीय नोटों का प्रतीक बनाया गया था।
- सोशल मीडिया पर किसी भी खबर पर भरोसा करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच जरूर करें।
अब अगली बार जब कोई आपसे पूछे कि क्या गांधीजी की तस्वीर वाकई नोटों से हट रही है? तो आप उन्हें आराम से समझा सकते हैं कि यह सिर्फ एक अफवाह है और सच्चाई कुछ और है!