Pension Latest News – भारत में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) से जुड़ी कई महत्वपूर्ण अपडेट्स 2025 में देखने को मिल सकती हैं। ये बदलाव कर्मचारियों और पेंशनधारकों की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए किए जा रहे हैं।
वेतन सीमा में वृद्धि
सरकार यूनियन बजट 2025 में EPFO के वेतन सीमा को ₹15,000 से बढ़ाकर ₹21,000 करने पर विचार कर रही है। इससे पेंशन की गणना के आधार में बढ़ोतरी होगी। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की सेवा अवधि 35 साल है, तो नई वेतन सीमा के हिसाब से उसकी पेंशन लगभग ₹10,050 प्रति माह हो सकती है।
न्यूनतम पेंशन में सुधार
EPS-95 के तहत वर्तमान न्यूनतम पेंशन काफी कम है, जिससे पेंशनधारकों को दिक्कतें होती हैं। इसे ₹7,500 प्रति माह तक बढ़ाने की मांग की जा रही है। 10 जनवरी 2025 को पेंशनधारकों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और इस पर जल्द फैसला लेने का आग्रह किया। सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है।
पेंशन गणना का आधार
वर्तमान में पेंशन की गणना इस फॉर्मूले से होती है: (पेंशनयोग्य वेतन × सेवा अवधि) ÷ 70 अब नए नियमों के तहत कर्मचारी अपने वास्तविक मूल वेतन के आधार पर भी योगदान देने का विकल्प चुन सकते हैं, जिससे पेंशन राशि में बढ़ोतरी होगी।
नियोक्ता योगदान में वृद्धि
नई वेतन सीमा लागू होने पर नियोक्ताओं का योगदान भी बढ़ जाएगा, जिससे पेंशन फंड मजबूत होगा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अधिक लाभ मिलेगा।
ऑनलाइन आवेदन और सुधार
EPFO ने उच्च पेंशन लाभ के लिए लगभग 17.48 लाख आवेदन प्राप्त किए हैं। सुप्रीम कोर्ट के 4 नवंबर 2022 के फैसले के बाद इन आवेदनों की प्रक्रिया चल रही है। EPFO ने ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी शुरू की है, जिससे सदस्य, पेंशनधारक और नियोक्ता आसानी से आवेदन कर सकते हैं।
EPF बनाम EPS-95
EPF और EPS-95, दोनों ही EPF & Miscellaneous Provisions Act, 1952 के अंतर्गत आते हैं।
EPF (Employee Provident Fund):
- इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों योगदान करते हैं।
- यह सेवानिवृत्ति के लिए बचत का एक साधन है।
EPS-95 (Employees’ Pension Scheme, 1995):
- इसमें केवल नियोक्ता योगदान देता है।
- EPS-95 के तहत पेंशन पाने के लिए कर्मचारी को कम से कम 10 साल की सेवा पूरी करनी होती है।
EPS-95 के तहत पेंशन राशि काफी कम होने के कारण इसके सुधार की मांग लंबे समय से हो रही है। EPS-95 नेशनल एजिटेशन कमेटी के अनुसार, लगभग 78 लाख सेवानिवृत्त पेंशनधारक और 7.5 करोड़ कर्मचारी न्यूनतम पेंशन को ₹7,500 करने की मांग कर रहे हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया और आगे की प्रक्रिया
सरकार ने इन प्रस्तावों पर विचार करना शुरू कर दिया है। EPFO के प्रस्तावित वेतन सीमा में वृद्धि, न्यूनतम पेंशन सुधार और चिकित्सा कवरेज जैसी मांगों पर काम जारी है। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने कुछ प्रस्तावों को अभी मंजूरी नहीं दी है, लेकिन पेंशनधारकों और कर्मचारियों की मांगों को गंभीरता से लिया जा रहा है।
अगर सरकार इन प्रस्तावों को मंजूरी देती है, तो करोड़ों कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बड़ा फायदा मिलेगा। EPFO और EPS-95 में किए जा रहे ये सुधार सेवानिवृत्ति के बाद की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेंगे।