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UPI पेमेंट के नियम बदल गए! फेल ट्रांजैक्शन, चार्जबैक और लिमिट पर बड़ा अपडेट, जानें पूरी डिटेल UPI Payment New Rule

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UPI Payment New Rule – यूपीआई (Unified Payments Interface) ने डिजिटल पेमेंट्स में जबरदस्त क्रांति ला दी है, और अब फरवरी 2025 से नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने इसमें कुछ नए नियम लागू किए हैं। ये बदलाव यूपीआई को और ज्यादा सुरक्षित, तेज़ और आसान बनाने के लिए किए गए हैं। आइए जानते हैं कि आपके यूपीआई ट्रांजैक्शन पर इसका क्या असर पड़ेगा।

1. UPI ट्रांजैक्शन की पहचान में बदलाव – अब सिर्फ अल्फान्यूमेरिक कोड

अब यूपीआई ट्रांजैक्शन की पहचान सिर्फ अल्फान्यूमेरिक कोड (A-Z, 0-9) से होगी। यानी अब @, #, $ जैसे स्पेशल कैरेक्टर्स का इस्तेमाल नहीं होगा। इससे तकनीकी गड़बड़ियों से बचने में मदद मिलेगी और ट्रांजैक्शन प्रोसेस क्लियर होगा।

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2. UPI पेमेंट लिमिट – अब एक दिन में सिर्फ 1 लाख रुपये और 20 ट्रांजैक्शन

अब यूपीआई से एक दिन में अधिकतम 1 लाख रुपये तक ही ट्रांजैक्शन किया जा सकता है। साथ ही, एक दिन में अधिकतम 20 बार पेमेंट करने की सीमा तय की गई है।

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अगर इससे ज्यादा ट्रांजैक्शन करने हैं, तो नेट बैंकिंग, RTGS या NEFT जैसे विकल्प अपनाने होंगे।

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3. चार्जबैक सिस्टम में बदलाव – अब ऑटोमैटिक डिसीजन होगा

अगर किसी वजह से आपका यूपीआई पेमेंट फेल हो जाता है और आपको रिफंड चाहिए, तो अब बैंक में भागने की जरूरत नहीं होगी।

नई चार्जबैक प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमैटिक कर दी गई है। अब सिस्टम खुद तय करेगा कि रिफंड मिलेगा या नहीं। इससे फेल पेमेंट के मामलों को जल्दी निपटाया जा सकेगा और ग्राहकों को अनावश्यक देरी से बचाया जाएगा।

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4. फेल हुए ट्रांजैक्शन का तुरंत समाधान मिलेगा

अगर आपका यूपीआई ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है, तो अब बैंक को तुरंत कार्रवाई करनी होगी।

नए नियमों के तहत:

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  • बैंक को तुरंत पुष्टि करनी होगी कि ट्रांजैक्शन हुआ या नहीं।
  • अगर पेमेंट कट गया है लेकिन नहीं पहुँचा, तो रिफंड रिक्वेस्ट तुरंत भेजनी होगी।
  • बिना किसी देरी के रिफंड प्रोसेस किया जाएगा।

अब ग्राहकों को बैंक से जवाब के लिए घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

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5. ये बदलाव यूज़र्स के लिए कैसे फायदेमंद हैं

  • सुरक्षा बढ़ेगी – धोखाधड़ी रोकने के लिए लिमिट और पहचान प्रणाली को बेहतर बनाया गया है।
  • पेमेंट ट्रैकिंग होगी आसान – ट्रांजैक्शन आईडी को सरल और स्टैंडर्ड बनाया गया है।
  • पेमेंट फेल होने पर झंझट खत्म – बैंक को तुरंत एक्शन लेना होगा, जिससे फेल ट्रांजैक्शन जल्दी सॉल्व होंगे।
  • चार्जबैक का झंझट खत्म – अब ग्राहकों को बार-बार बैंक से संपर्क करने की जरूरत नहीं पड़ेगी, सिस्टम खुद निर्णय लेगा।

बैंकों पर क्या असर पड़ेगा

  • बैंकों का काम थोड़ा आसान हो जाएगा क्योंकि चार्जबैक और फेल ट्रांजैक्शन की प्रक्रिया ऑटोमेटेड हो रही है।
  • विवाद समाधान प्रक्रिया तेज होगी, जिससे बैंकों पर वर्कलोड कम होगा।
  • ग्राहकों के लिए ट्रांजैक्शन अधिक सुचारू होंगे, जिससे UPI पर भरोसा और बढ़ेगा।

क्या ये बदलाव आपको पसंद आए

NPCI और RBI का यह फैसला डिजिटल पेमेंट को ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद बनाने के लिए लिया गया है। हो सकता है कि कुछ उपयोगकर्ताओं को लेनदेन सीमा की वजह से परेशानी हो, लेकिन सुरक्षा और ट्रांजैक्शन ट्रैकिंग के लिहाज से यह बदलाव महत्वपूर्ण हैं।

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आपको ये नए नियम कैसे लगे? अपनी राय जरूर साझा करें।

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